मेरा सर्वश्रेष्ठ समय आना बाकी है : भूटिया
हैदराबाद, 5 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय फुटबाल टीम के कप्तान बाइचुंग भूटिया का कहना है कि उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ समय अभी आना बाकी है।
हैदराबाद, 5 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय फुटबाल टीम के कप्तान बाइचुंग भूटिया का कहना है कि उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ समय अभी आना बाकी है।
जब 32 वर्ष के बाइचुंग से आईएएनएस ने पूछा कि वे कब तक खेलना जारी रखेंगे, तो बाइचुंग ने कहा, "जब तक अच्छा लगेगा, खेलता रहूंगा। उम्र मेरे लिए मायने नहीं रखती। हालांकि फुटबाल खिलाड़ियों के करियर में उम्र की अहम भूमिका होती है, लेकिन रोमारियो और पाउलो माल्दीनी जैसे खिलाड़ियों ने उम्र को पछाड़कर लंबे समय तक खेलना जारी रखा। मेरे करियर का बेहतरीन समय तो अभी आना बाकी है।"
बाइचुंग भले ही अपनी बढ़ती उम्र को लेकर कुछ खास चिंतित न हों, लेकिन भारतीय टीम के कोच बॉब हॉटन का मानना है कि उम्र ने बाइचुंग की मारक-क्षमता को प्रभावित किया है। शायद यही कारण है कि हॉटन ने ताजिकिस्तान के खिलाफ हुए एशियाई फुटबाल महासंघ (एएफसी) चैलेंज कप मुकाबले के दूसरे हाफ में बाइचुंग को उतारा था।
मैच के बाद हॉटन ने कहा था कि इस उम्र में बाइचुंग के लिए एक के बाद एक मैचों में लगातार दौड़ पाने में दिक्कत हो सकती है।
हॉटन के इस बयान को लेकर बाइचुंग ने कहा, "आपको स्वीकार करना होगा कि 32 वर्ष की उम्र में मेरी गिनती युवाओं में नहीं होगी, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि मैं तीन दिन में दो मैच नहीं खेल सकता। हालांकि आराम पाकर अच्छा लगता है। ताजिकिस्तान के खिलाफ मुझे आराम देने का हॉटन का फैसला मेरे लिए काफी फायदेमंद रहा।"
यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय टीम उनके ऊपर आश्रित है? बाइचुंग ने कहा, "मैं ऐसा नहीं मानता। हम एक इकाई के तौर पर खेल रहे हैं। साथियों ने मुझे गोल करने में मदद की है। अगर वे बढ़िया नहीं खेलते तो भला मैं कैसे गोल कर सकता था। हमारी टीम युवा है। सुशील सिंह और सुनील छेत्री जैसे खिलाड़ियों को निखरने के लिए समय चाहिए। मैं भी इसी तरह आगे बढ़ा था।"
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत दूसरा विजयन या बाइचुंग पैदा कर पाएगा? बाइचुंग ने कहा, "मैं नहीं मानता कि हमें और किसी बाइचुंग या विजयन की जरूरत है। हमें अच्छे खिलाड़ियों की जरूरत है। ऐसे खिलाड़ी जो पूरे समर्पण के साथ खेल सकें।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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