आईएसआई पहला सुरक्षा कवचः मुशर्रफ
समाचार पत्र 'डेली टाइम्स' में छपी खबर के मुताबिक मुशर्रफ ने आईएसआई को पाकिस्तान का पहला सुरक्षा कवच बताते हुए इसे किसी भी तरह के षडयंत्र से बचाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि "आईएसआई को कमजोर करने का मतलब होगा आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई को कमजोर करना।"
मुशर्रफ ने व्यापारियों और उद्योगपतियों द्वारा आयोजित रात्रिभोज में यह बात कही।
मुशर्रफ के मुताबिक, "आईएसआई के खिलाफ षड़यंत्र का उद्देश्य पाकिस्तान को अपमानित करना है। आईएसआई राष्ट्र के लिए काम करने वाली संस्था है, जो देश की स्थिरता के लिए काम करती है।"
कई विवादों के केंद्र में रही आईएसआई परीक्षा की घड़ी से गुजर रही है। दरअसल, अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए पिछले माह काबुल में भारतीय दूतावास पर हुए हमले के बारे में आईएसआई और हमलावरों के बीच हुई बातचीत का प्रमाण जारी करने जा रही है।
पिछले माह प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी से मुलाकात में अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज बुश ने स्पष्ट तौर पर पूछा था कि आईएसआई का वास्तविक प्रमुख कौन है।
आईएसआई को प्रधानमंत्री सचिवालय के बजाय आंतरिक मंत्रालय को रिपोर्ट करने संबंधी आदेश को अभी तक वापस नहीं लिए जाने के कारण भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
26 जुलाई को आईएसआई और इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) को आंतरिक मंत्रालय के अधीन किए जाने संबंधी कैबिनेट के नोटिफिकेशन के बाद सरकार ने स्पष्ट किया था कि खुफिया एजेंसी प्रधानमंत्री के अधीन रहेगी और पूर्व के नोटिफिकेशन की गलत व्याख्या की गई।
अगले
दिन
अधिकतर
मीडिया
ने
इसे
मुशर्रफ
के
दबाव
में
बदला
गया
फैसला
करार
दिया
था
लेकिन
अभी
तक
पूर्व
की
अधिसूचना
को
बदलने
के
लिए
कोई
औपचारिक
आदेश
जारी
नहीं
किया
गया
है।