आसाराम गुरुकुल में ही निकला बच्चों की हत्या का आरोपी (राउंडअप)
छिंदवाड़ा, 3 अगस्त (आईएएनएस)। संत आसाराम बापू गुरुकुल के इंदुमति विद्या निकेतन के बाथरूम में मृत मिले राम कृष्ण यादव और वेदांत की हत्या का आरोपी गुरुभाई ऋतुराज सिंह निकला है। तीन दिन तक चली गहन छानबीन और जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने हत्या के आरोपी का खुलासा किया।
जबलपुर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक एम़ आऱ कृष्णा के मुताबिक ऋतुराज ने हत्या का गुनाह कबूल कर लिया है और पुलिस के हाथ भी जो सबूत लगे हैं उससे तय होता है कि ऋतुराज ने ही दोनों मासूमों का गला घोटकर हत्या की है।
राम कृष्ण यादव और वेदांत की तीन दिनों के भीतर संदिग्ध हालत में बाथरूम में शव मिले थे। उसी वक्त से यह आशंका जताई जा रही थी कि दोनों की हत्या की गई है। पुलिस महानिरीक्षक कृष्णा ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट, फॉरेन्सिक रिपोर्ट और साइंटिफिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस ने जांच में यह पाया कि दोनों ही बच्चों की मौत दम घुटने से हुई है।
इसके अलावा वेदांत के कंधे पर दांतों के निशान पाए गए जिसके प्रिंट के आधार पर जांच की गई तो पता चला कि वेदांत के शरीर पर मिले दांत के निशान ऋतुराज के दांतों के समान हैं। ऋतुराज से पूछताछ की गई तो उसने स्वीकार किया कि उसी ने दोनों बच्चों की हत्या की है। ऋतुराज की मानसिक स्थिति भी कमजोर बताई जा रही है।
कृष्णा ने आगे बताया कि ऋतुराज का इसी वर्ष 9वीं कक्षा में दाखिला किया गया था। वह इस आश्रम में नहीं रहना चाहता था। अहमदाबाद में हुई दो बच्चों की मौत के बाद आश्रम के बंद होने की खबर से उसे लगा कि अगर छिंदवाड़ा में भी ऐसा ही कुछ हो जाए तो आश्रम बंद हो सकता है।
अपनी योजना के मुताबिक ऋतुराज चॉकलेट के बहाने राम कृष्ण को बाथरूम में ले गया और गला दबाकर हत्या कर दी। दो दिन बाद इसी तरह से उसने वेदांत का गला दबाया और बाल्टी में डुबो दिया। वेदांत ने जब अपने बचाव की कोशिश की तो ऋतुराज ने उसके कंधे पर दांतों से काट लिया। ऋतुराज के यही दांत के निशान पुलिस के लिए मददगार सिद्ध हुए हैं।
पुलिस का दावा है कि उसके पास कुछ छात्र गवाह के तौर पर भी हैं। इन छात्रों से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने भी यह स्वीकारा कि दोनों छात्रों की हत्या 9वीं में पढ़ने वाले 13 साल के ऋतुराज ने की है। छिंदवाड़ा के पुलिस उपमहानिरीक्षक क़े वैफई के मुताबिक दोनों बच्चों की हत्या करने वाला ऋतुराज छिंदवाड़ा के बिछुआ क्षेत्र का रहने वाला है और वह आश्रम से किसी भी तरह घर वापस जाना चाहता था।
मंगलवार की शाम को राम कृष्ण यादव का शव बाथरूम में मिलने और गुरुवार को वेदांत का सिर बाल्टी में फंसा पाए जाने से आश्रम विवादों के घेरे में आ गया था। इन दोनों बच्चों की मौत से छिंदवाड़ा में आन्दोलनों का दौर शुरू हो गया था और आश्रम पर उंगलियां उठने लगी थीं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी इन मौतों को स्वाभाविक नहीं बता रही थीं। यह बात अलग रही कि दोनों मृतकों के परिजनों ने आश्रम पर पूरी आस्था जताई थी।
पहली नजर में पुलिस और प्रशासन ने दोनों बच्चों की मौत के लिए लापरवाही को जिम्मेदार मानते हुए आश्रम प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। उसके बाद जांच का दायरा आगे बढ़ा। शनिवार को जबलपुर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक एम़ आऱ कृष्णा ने दोनों बच्चों की मौत की वजह दम घुटना बताकर इशारा किया था कि दोनो बच्चों की हत्या की गई है। कृष्णा के इस खुलासे ने लोगों के उस शक को और पक्का कर दिया था कि हत्यारे आश्रम के ही हैं। पुलिस ने दो सौ लोगों से पूछताछ के बाद दस संदिग्धों पर शिकंजा कसा था।
छिंदवाड़ा के पुलिस उपमहानिरीक्षक के वैफई ने आईएएनएस को बताया कि पुलिस जिन संदिग्धों ंसे पूछताछ कर रही थी उनकी संख्या लगातार कम होती जा रही थी। पुलिस धीरे धीरे उसके करीब पहुंचती जा रही थी जिसने वारदात को अंजाम दिया था। तीन दिन तक चली पूछताछ और गहन जांच पड़ताल के बाद पुलिस नतीजे पर पहुंच गई और उसने मुख्य आरोपी ऋतुराज को अपनी गिरफ्त में ले लिया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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