शास्त्रीय संगीत और गजल का संगम 'ठुमरी' पर
नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। ब्लॉग की दुनिया में संगीत से जुड़े विषय सबसे अधिक लोकप्रिय माने जाते हैं। 'ठुमरी' नामक एक ऐसा ही ब्लॉग हैं, जहां भारतीय शास्त्रीय संगीत, सूफी संगीत और गजलों की महफिल हर रोज सजती है।
नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। ब्लॉग की दुनिया में संगीत से जुड़े विषय सबसे अधिक लोकप्रिय माने जाते हैं। 'ठुमरी' नामक एक ऐसा ही ब्लॉग हैं, जहां भारतीय शास्त्रीय संगीत, सूफी संगीत और गजलों की महफिल हर रोज सजती है।
ऐसे गीत जो बहुत कम सुनने को मिलते हैं, उसे 'ठुमरी' पर सुना जा सकता है। भारतीय शास्त्रीय संगीत हो या फिर सूफी, यहां सब कुछ मौजूद है। उस्ताद अमानत अली खान और उस्ताद फतेह अली खान साहब की बेहतरीन जोड़ी की आवाज में यहां 'प्यार नहीं है जिसका सुर से वो मूरख इंसान नहीं' सुनने को मिल जाएगा। इस गीत के बारे में ब्लॉग में लिखा है, "ये रचना उन्हें समर्पित है, जिन्हें संगीत और सुर से परहेज हो, जो संगीत की महत्ता को नकारते हैं, पर संगीत की ताकत से जो अंजान हैं।"
'ठुमरी' में कई ऐसे गीत भी हैं जिसे आवाज देने वाले कोई जाने-पहचाने नाम वाले नहीं हैं, लेकिन ब्लॉग के जरिए उन्हें लोकप्रियता मिल रही है। राम कैलाश यादव की आवाज में एक ऐसी ही मनमोहक कजरी 'कौने रंग मुंगवा, कवनें रंग मोतिया' को यहां पेश किया गया है। इस कजरी में उन्होंने सामाजिक कुरीतियों पर बहुत व्यंग किए हैं।
सितार की दुनिया के जाने-पहचाने नाम उस्ताद शुजात हुसैन खान के अलबम 'द रेन' को आप यहां भी सुन सकते हैं। उस्ताद साहब के बारे में ब्लॉग में लिखा है, "उस्ताद शुजात हुसैन खान साहब और सितार का संबंध कुछ वैसा ही है जैसे शरीर और आत्मा का संबंध।"
यहां कव्वाली का भी आनंद आप उठा सकते हैं। सूफी संगीत की दुनिया में पाकिस्तान के दो युवा गायक रिजवान और मुअज्जम की आवाज का आनंद यहां उठाया जा सकता है। उनकी आवाज में 'सब हसरतों का खून किए जा रहा हूं मैं' को लोगों ने यहां चाव से सुना, क्योंकि इस पोस्ट को ढेर प्रतिक्रिया मिली।
संगीत की दुनिया से जुड़ी ढेर सारी जानकारियां भी यहां मौजूद हैं। यहां मौजूद गीतों को कोई भी डाउनलोड कर सकता है। इस ब्लॉग पर सबसे अधिक लोग सूफी संगीत को सुन रहे हैं, क्योंकि इससे जुड़े पोस्टों को सबसे अधिक प्रतिक्रिया मिल रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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