श्रीलंका में भारत को भूमिका निभानी पड़ेगी : तमिल समर्थक पार्टी
कोलंबो, 2 अगस्त (आईएएनएस)। तमिल विद्रोहियों से सहानुभूति रखने वाली एक तमिल राजनीतिक पार्टी ने भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा है कि श्रीलंका की जातीय समस्या को सुलझाने में भारत को भूमिका निभानी पड़ेगी।
कोलंबो, 2 अगस्त (आईएएनएस)। तमिल विद्रोहियों से सहानुभूति रखने वाली एक तमिल राजनीतिक पार्टी ने भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा है कि श्रीलंका की जातीय समस्या को सुलझाने में भारत को भूमिका निभानी पड़ेगी।
श्रीलंका सरकार पर तमिल टाइगर्स के खिलाफ लड़ाई के कारण नागरिकों को परेशानी होने का आरोप लगाते हुए तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार देर शाम प्रधानमंत्री से मुलाकात कर कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भारत से भूमिका का आशा करता है।
टीएनए के 75 वर्षीय सांसद आर. सम्बांडन ने आईएएनएस से कहा, "भारत के पास निभाने के लिए भूमिका है। श्रीलंका में भारत की भूमिका प्राथमिक है और भारत को उस भूमिका को निभानी चाहिए।"
उन्होंने कहा कि श्रीलंका में शांति का पक्षधर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भी भारत से आशांवित है और नई दिल्ली की सहमति के बिना कोई कदम उठाना नहीं चाहता। इसलिए भारत को अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
प्रधानमंत्री के साथ 15 से 20 मिनट की बैठक में टीएनए ने मनमोहन सिंह को श्रीलंका विशेषकर उत्तरी-पूर्वी क्षेत्रों की स्थिति के बारे में बताया। उत्तरी पूर्वी क्षेत्रों में सेना और लिबरेशन टाइगर्स आफ तमिल ईलम (एलटीटीई) के बीच संघर्ष जारी है।
सम्बांडन ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ उनकी बैठक काफी सौहार्दपूर्ण रही। प्रधानमंत्री ने उन्हें धौर्यपूर्वक सुना।
सम्बांडन के मुताबिक प्रधानमंत्री ने उनसे कहा कि भारत हमेशा से कहते आ रहा है कि विवाद का सैन्य समाधान नहीं हो सकता। सन 1983 से अब तक श्रीलंका में 70 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
सम्बांडन ने कहा कि मनमोहन सिंह ने श्रीलंका में मानवाधिकार की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की है और कोलंबो की सरकार को इससे अवगत भी कराया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
*