अमरनाथ भूमि विवाद की लपटें दिल्ली पहुंची
नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)। श्रीअमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) को आवंटित जमीन वापस लेने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ लगभग एक महीने से जम्मू में फैली आंदोलन की आग शनिवार को राजधानी दिल्ली पहुंच गई। सरकार के फैसले के विरोध में हजारों लोगों ने आज यहां प्रदर्शन किया और संसद का घेराव करने की कोशिश, लेकिन बीच रास्ते में ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय सचिव खेमचंद ने कहा, "श्रीअमरनाथ श्राइन बोर्ड को आवंटित जमीन वापस नहीं मिलती तो हम इस मामले को देश के हर गली और कूचे में ले जाएंगे। दिल्ली में आज का विरोध प्रदर्शन केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के लिए चुनौती है। अब और देरी की गई तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।"
अमरनाथ यात्रा संघर्ष समिति के अध्यक्ष मांगेराम गर्ग ने कहा, "पिछले 33 दिनों से लोगों के आक्रोश के कारण जम्मू जल रहा है लेकिन राज्य सरकार सोयी हुई है। चार लोगों की अब तक मौत हो चुकी है जबकि हजारों घायल हुए हैं, लेकिन न तो राज्य सरकार और न ही केंद्र सरकार की कानों में जूं रेंग रही है।"
इससे पहले, जंतर मंतर पर लगभग तीन हजार लोग एकत्रित हुए। ये सभी संसद भवन की ओर जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक लिया। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज भी किया।
एक प्रदर्शनकारी आदित्य राज कौल ने बताया कि पुलिस के साथ झड़प में लगभग 15 लोग घायल हुए। उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना, विहिप, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और कई सांस्कृतिक संगठन उनके प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं।
एक अन्य प्रदर्शनकारी राहुल शर्मा ने कहा कि जम्मू में जो कुछ भी हो रहा है, वह मानवाधिकारों पर हमला है। उन्होंने कहा कि वे जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एन. एन. वोहरा को हटाने की मांग कर रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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