आंध्र प्रदेश में गौतमी एक्सप्रेस में आग से 32 मरे (राउंडअप)
हैदराबाद, 2 अगस्त (आईएएनएस)। आंध्रप्रदेश के वारंगल जिले में शुक्रवार तड़के गौतमी एक्सप्रेस के पांच डिब्बों में आग लगने से कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई और 8 घायल हो गए। मरने वालों में एक गर्भवती महिला तथा शारीरिक तौर पर अक्षम तीन लोग शामिल हैं।
हैदराबाद, 2 अगस्त (आईएएनएस)। आंध्रप्रदेश के वारंगल जिले में शुक्रवार तड़के गौतमी एक्सप्रेस के पांच डिब्बों में आग लगने से कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई और 8 घायल हो गए। मरने वालों में एक गर्भवती महिला तथा शारीरिक तौर पर अक्षम तीन लोग शामिल हैं।
दुर्घटना की वजह से वारंगल और खम्मम रेल खंड पर ट्रेनों की आवाजाही बंद हो गई और अधिकतर रेलगाड़ियों का या तो मार्ग परिवर्तन कर दिया गया या फिर उसे रद्द कर दिया गया। सिकंदराबाद से मेडिकल स्टाफ के साथ एक विशेष राहत ट्रेन भेजी गई है।
मुख्यमंत्री वाई.एस राजशेखर रेड्डी ने घटनास्थल का दौरा किया और अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह आतंकवादी घटना नहीं है।
गौतमी एक्सप्रेस सिकंदराबाद से काकीनाड़ा जा रही थी। रात करीब 2 बजे जब रेलगाड़ी महबूबाबाद के पास से गुजर रही थी उसी समय पांच डिब्बों में आग लग गई। अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना में 32 लोगों की मौत हो गई।
दुर्घटना में कुछ शव बुरी तरह जले हुए हैं जिनकी पहचान संभव नहीं है। जले हुए मानव अंगों को इकट्ठा करने के लिए हैदराबाद के फॉरेंसिक विशेषज्ञ घटनास्थल पहुंच गए हैं।
अधिकारियों का कहना है कि फॉरेंसिक विशेषज्ञों का काम खत्म होने के बाद ही मृतकों की वास्तविक संख्या का पता चल सकेगा।
दुर्घटना के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल पाया है। हालांकि रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने ट्रेन में बम धमाके की किसी आशंका से इंकार किया है।
रेल मंत्री ने पत्रकारों से कहा, "दुर्घटना के कारणों का पता नहीं चल पाया है। जांच फिलहाल जारी है, लेकिन बम धमाके की आशंका नहीं है।"
यह हादसा राजधानी हैदराबाद से लगभग 250 किलोमीटर दूर महबूबाबाद शहर के निकट एक जंगल में शुक्रवार तड़के लगभग दो बजे हुआ। गौतमी एक्सप्रेस सिकंदराबाद से काकीनाड़ा जा रही थी।
एक रेल अधिकारी ने बताया कि आग एस-10 कोच में लगी और धीरे-धीरे एस-9, एस-11, एस-12 और एस-13 में फैल गई। एस-10 में सबसे ज्यादा 11 शव पाए गए। रात होने की वजह से ज्यादातर यात्री सोए हुए थे, इसलिए मरने वालों की संख्या ज्यादा है।
मृतकों में अधिकतर तटीय गोदावरी जिले के हैं। घायलों को वारंगल जिले के एम.जी.एम. अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आंध्रप्रदेश के पशुपालन मंत्री जी. सूर्य राव इसी ट्रेन में सफर कर रहे थे। उन्होंने कहा, "बहुत बुरे हालात थे। कुछ लोगों ने आग भड़कते देखी, उसके बाद दहशत फैल गई। किसी को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए।"
वारंगल जिले के पुलिस अधीक्षक वी. सी. सज्जानर ने कहा कि दुर्घटना स्थल तक सड़क नहीं होने के कारण राहतकर्मियों और अधिकारियों को वहां पहुंचने के लिए दो किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है।
रेल मंत्री ने इस दुर्घटना में मरने वालों के परिवार के सदस्यों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि दुर्घटना में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिवार के किसी एक सदस्य को रेलवे में नौकरी दी जाएगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
*