बिजली वितरण के मुद्दे पर गुजरात ने केंद्र को पत्र भेजा
चेन्नई, 2 अगस्त (आईएएनएस)। गुजरात सरकार ने तमिलनाडु स्थित सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई नैवेली लिग्नाइट कारपोरेशन (एनएलसी) के साथ राज्य में संयुक्त रूप से स्थापित की जा रही एक हजार मेगावाट की ऊर्जा परियोजना से उत्पादित कुल बिजली पर अपना अधिकार जताने के लिए केंद्र से मौजूदा प्रावधानों में संशोधन की मांग की है।
अभी तक के प्रावधानों के अनुसार प्रस्तावित संयुक्त उद्यम को अपनी कुल उत्पादित बिजली का कम से कम 57 फीसदी राष्ट्रीय ग्रिड को उपलब्ध कराना जरूरी होगा।
गुजरात सरकार के एक सरकारी अधिकारी ने गांधीनगर से आईएएनएस संवाददाता को फोन पर बताया कि इस संबंध में राज्य सरकार केंद्र को पहले ही पत्र लिख चुकी है। अधिकारी के अनुसार राज्य सरकार फिलहाल केंद्र के जवाब का इंतजार कर रही है।
एनएलसी ने भी गुजरात सरकार के मंतव्य को लेकर केंद्र को पत्र भेजा है। कुल 51.4 अरब रुपये की लागत वाला प्रस्तावित लिग्नाइट कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्र गुजरात के वालिया में स्थापित किया जाना है। इस संयंत्र के निर्माण में तमिलनाडु स्थित सार्वजनिक इकाई एनएलसी की हिस्सेदारी 74 फीसदी होगी जबकि 26 फीसदी हिस्सेदारी गुजरात पावर कारपोरशन की होगी।
इस परियोजना को लेकर एनएलसी व गुजरात सरकार के बीच दो वर्ष पहले ही समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। समझौते के तहत 1.2 करोड़ टन लिग्नाइट कोयले व एक हजार पांच सौ मेगावाट क्षमता के ताप विद्युत संयंत्र को दो चरणों में विकसित किए जाने का प्रस्ताव था। प्रथम चरण के अंतर्गत कुल 80 लाख टन लिग्नाइट के खनन व एक हजार मेगावाट उत्पादन क्षमता के ताप विद्युत संयंत्र के विकास का प्रस्ताव है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।