आतंकवाद से लड़ने की अपील के साथ सार्क सम्मेलन शुरू (लीड-1)
कोलंबो, 2 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय सेना के सहयोग से कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की अपील के साथ दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) का 15वां शिखर सम्मेलन यहां शनिवार को शुरू हो गया।
कोलंबो, 2 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय सेना के सहयोग से कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की अपील के साथ दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) का 15वां शिखर सम्मेलन यहां शनिवार को शुरू हो गया।
यहां के भंडारनायके मेमोरियल इंटरनेशन कनवेंशन हॉल में आठ सदस्यीय सार्क के सभी नेताओं ने क्षेत्र से आतंकवाद को खत्म करने की अपील की। भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, अफगानिस्तान और मालदीव सार्क के सदस्य हैं।
पिछले एक दशक में श्रीलंका की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने क्षेत्र के देशों की स्थिरता के लिए आतंकवाद को सबसे बड़ा खतरा करार दिया।
उन्होंने कहा, "आतंकवाद क्षेत्र में अपना सिर उठाना जारी रखे हुए है। यह आज भी हमारी स्थिरता और प्रगति के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है। हम घृणा व जिद की विचारधारा और सामाजिक ताने-बाने को ध्वस्त करने वालों के खिलाफ जंग में हार बर्दाश्त नहीं कर सकते।"
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों और कट्टरपंथियों के लिए कोई सीमा नहीं होती। हाल ही में काबुल और बंगलुरू व अहमदाबाद में हुए आतंकवादी हमले इसके उदाहरण हैं।
उधर, पाकिस्तान पर करारा हमला बोलते हुए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा कि इस क्षेत्र में आतंकवाद 'संस्थागत समर्थन और संकीर्ण राजनीति' का नतीजा है।
भारत और अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान को भी आतंकवाद से पीड़ित बताते हुए करजई ने कहा कि पाकिस्तान के अंदर तालिबान को मिली पनाह की कीमत हमें पिछले साल पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर की मौत के रूप में चुकानी पड़ी।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने भी भुट्टो की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि उनका देश भी आतंकवाद की पीड़ा झेल चुका है और इससे व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से निपटने की जरूरत है।
आज सार्क की अध्यक्षता ग्रहण करने वाले श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने आतंकवाद को 'महामारी' करार देते हुए कहा कि इससे लड़ने के प्रयासों को दोगुना करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि कहीं भी आतंकवाद, आतंकवाद होता है और कोई अच्छा या बुरा आतंकवाद नहीं होता।
इस बीच सम्मेलन को लेकर कोलंबो की सुरक्षा पूरी तरह चाक-चौबंद कर दी गई है। भारतीय सेना और वायु सेना भी सुरक्षा में सहयोग कर रही है।
तमिल विद्रोही संगठन लिट्टे द्वारा हवाई हमले की आशंका के बीच भारतीय वायु सेना यहां विशेष जिम्मेदारी निभा रही है। यद्यपि लिट्टे ने सम्मेलन के मद्देनजर एकतरफा युद्धविराम की घोषणा की है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
*