वाम दलों ने की कांग्रेस से तौबा (लीड-2)
नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस)। प्रमुख वामपंथी दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कांग्रेस पार्टी से तौबा कर ली है। माकपा महासचिव प्रकाश करात का कहना है कि वाम दल भविष्य में कांग्रेस के साथ किसी भी प्रकार का गठबंधन नहीं करेंगे।
मलयालम चैनल 'कैराली' को दिए एक साक्षात्कार में करात ने कहा, "हम भविष्य में कभी भी कांग्रेस को समर्थन नहीं देंगे। हमारी कोशिश होगी लोकसभा के अगले चुनावों में गैर-कांग्रेसी व गैर-भाजपा सरकार बनाई जाए।"
एक सवाल के जवाब में करात ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व पर विश्वास करना हमारी भूल थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी की मौजूदगी में हमें आश्वासन दिया गया था कि परमाणु करार के मुद्दे पर सरकार आगे नहीं बढ़ेगी, लेकिन सरकार ने इन आश्वासनों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया।
कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को समर्थन देने पर अफसोस जताते हुए करात ने कहा, "कांग्रेस नेतृत्व पर विश्वास करके हमने भयंकर भूल की।"
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए करात ने कहा, "उन्हें सिर्फ अपनी ही पार्टी की कार्यप्रणाली और उनके नेताओं द्वारा लिए जाने फैसलों के तौर तरीकों का ज्ञान है। वे यह नहीं समझते कि वामपंथी पार्टियां कैसे काम करती हैं।"
उन्होंने कहा, "वाम दल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, राष्ट्रीय जनता दल या राष्ट्रवादी कांग्रेस जैसे नहीं है। ये दल संप्रग के घटक दल हैं जबकि वाम दल कभी भी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं कर सकते। हम किसी भी सूरत में कांग्रेस का समर्थन नहीं करेंगे।"
उन्होंने कहा कि इसके लिए हम चुनाव पूर्व समान विचारधारा वाले दलों से गठबंधन करेंगे। हालांकि उन्होंने इस गठबंधन को तीसरा मोर्चा कहने से इनकार किया। उनका कहना था कि हम नीतियों व मुद्दों के आधार पर तीसरा विकल्प तैयार करेंगे। हम संयुक्त राष्ट्रीय प्रगतिशील गठबंधन को तीसरा विकल्प नहीं मानते।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वाम दल संसद से सड़क तक कांग्रेस की नीतियों का विरोध करते रहेंगे। करात ने कहा कि संसद में हम कांग्रेस के रास्ते में अवरोध पैदा करेंगे। राज्यसभा में कांग्रेस अल्पमत में है और लोकसभा में हमारे पास 59 सांसद है। वित्त विधेयकों को पास कराने का जब वक्त आएगा, तब हमारे ये सांसद सरकार की राह में मुश्किलें पैदा करेंगे।
करात से जब यह पूछा गया कि क्या वाम दलों की ओर से उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया जाएगा, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, "हमने अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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