स्तरीय कृषि संबंधी दस्तावेज शीघ्र ही जारी होगा
नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस)। देश को जल्द ही एक नया कृषि संबंधी दस्तावेज मिलने वाला है। 'गुड एग्रीकल्चरल प्रैक्टिसेस' (जीएपी) नामक इस दस्तावेज का उद्देश्य देश में गुणवत्ता आधारित कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना है।
नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस)। देश को जल्द ही एक नया कृषि संबंधी दस्तावेज मिलने वाला है। 'गुड एग्रीकल्चरल प्रैक्टिसेस' (जीएपी) नामक इस दस्तावेज का उद्देश्य देश में गुणवत्ता आधारित कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना है।
देश में प्रसंस्करित खाद्य एवं कृषि उत्पादों के निर्यात की निगरानी करने वाली सर्वोच्च संस्था 'कृषि एवं प्रसंस्करित खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण' (एपीईडीए) ने कृषि मंत्रालय को 'इंडिया-जीपीए' नामक यह मसौदा सौंपा।
कुल 150 पृष्ठों का यह मसौदा पहले तो अंग्रेजी में मिलेगा लेकिन बाद में इसका अन्य भाषाओं में अनुवाद कराया जाएगा। एपीआईडीए की इच्छा है कि इस दस्तावेज को ब्लाक स्तर पर उपलब्ध कराया जाए।
संस्था के निदेशक संजय दवे ने आईएएनएस को बताया, "यह दस्तावेज देश के कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाएगा। यह किसानों को बुआई से लेकर कटाई तक अच्छा और उच्च गुणवत्ता वाला उत्पादन करने में मदद करेगा।"
गौरतलब है कि इस दस्तावेज में सब्जियां, दालें, अनाज, मसाले, चिकित्सकीय पौधे तथा आम, अमरूद और केले जैसे फल भी शामिल हैं।
दवे ने कहा, "यह दस्तावेज किसानों को उत्पादन बढ़ाने के तरीके बताएगा ताकि चार फीसदी की वृद्धि दर हासिल की जा सके। किसानों को बताया जाएगा कि किस तरह के बीज और तकनीक का इस्तेमाल किया जाए और कैसे कीटनाशकों का नियंत्रित प्रयोग किया जाए।"
उन्होंने कहा कि जिन किसानों के उत्पाद इंडिया-जीपीए द्वारा प्रमाणित होंगे उन्हें बाजार में अपने प्रतिस्पर्धियों पर बढ़त हासिल होगी क्योंकि उनके उत्पाद उच्च गुणवत्ता वाले होंगे।
गौरतलब है कि देश का कृषि एवं खाद्य पदार्थो संबंधी निर्यात वर्ष 1999-00 के 6.47 अरब रुपये से बढ़कर 2006-07 में 24.12 अरब रुपये हो गया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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