इजरायल-फिलीस्तीन के बीच शांति वार्ता
इस बैठक में अमेरिकी विदेशमंत्री कोंडोलिजा राइस, उपराष्ट्रपति डिक चेनी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्टीफन हैडली शामिल होंगे।
बैठक में फिलीस्तीन का प्रतिनिधित्व वहां के पूर्व प्रधानमंत्री अहमद कूरईया करेंगे। इजरायल की विदेश मंत्री जिपि लिवनी शांति वार्ता में भाग लेने के लिए वाशिंगटन के लिए रवाना हो गई हैं।
गौरतलब है कि इस वार्ता से ठीक पहले सोमवार को इजरायली प्रधानमंत्री एहुद ओल्मर्ट ने जेरूसलम के भविष्य को लेकर वार्ता में किसी प्रकार की प्रगति की संभावना से इन्कार कर दिया है।
ओल्मर्ट ने सोमवार को संसद 'नेस्सेट' की समिति के सामने कहा था कि जेरूसलम की स्थिति को लेकर इस वर्ष तक किसी सहमति पर नहीं पहुंचा जा सकता।
ओल्मर्ट पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वह जेरूसलम को छोड़ सीमा और शरणार्थियों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर समझौता करना चाहते हैं। एक वरिष्ठ फिलीस्तीनी अधिकारी ने सोमवार को वाशिंगटन बैठक को किसी समझौते तक पहुंचने का अंतिम मौका बताया।
दोनों देशों के बीच सात साल के बाद वार्ता शुरू हो रही है। देखना है कि दोनों पक्ष इस बार किसी समझौते पर पहुंचते हैं या नहीं।
अमेरिका दोनों पक्षों पर दबाव डाल रहा है कि वे राष्ट्रपति जार्ज बुश के 2009 के प्रारंभ में समाप्त हो रहे कार्यकाल से पहले शांति समझौते पर सहमत हो जाएं। नवंबर में हुए अन्नापोलिस सम्मेलन में ओल्मर्ट और फिलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने 2008 के अंत तक किसी समझौते पर पहुंचने का वादा किया है।
लेकिन अभी यह अनिश्चित है कि फिलीस्तीन जेरूसलम की स्थिति का विवाद सुलझाए बिना होने वाले किसी समझौते को स्वीकार करेगा या नहीं, क्योंकि दोनों पक्षों के लिए जेरूसलम का भावनात्मक महत्व है।
फिलीस्तीनी अधिकारियों ने ओल्मर्ट के सोमवार के बयान की कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इससे जाहिर होता है कि इजरायल किसी समझौते पर पहुंचने के प्रति गंभीर नहीं है।