देश में 7,305 करोड़ यूनिट बिजली की कमी रही
नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में अप्रैल 2007 से मार्च 2008 के दौरान 7,305 करोड़ यूनिट बिजली की कमी रही। एक लेखा परीक्षा अधिकारी ने यह जानकारी दी।
नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में अप्रैल 2007 से मार्च 2008 के दौरान 7,305 करोड़ यूनिट बिजली की कमी रही। एक लेखा परीक्षा अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष के दौरान 65,317.2 करोड़ यूनिट बिजली की आपूर्ति की गई, जबकि जरूरत 72,622.2 करोड़ यूनिट बिजली की थी।
जानकारी के मुताबिक इस दौरान सबसे ज्यादा बिहार, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और उत्तरप्रदेश में बिजली की कमी रही। इन राज्यों में बिजली की कुल जरूरत का 80 से 90 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक आंध्रप्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और केरल अपनी जरूरत का कम से कम 90 प्रतिशत बिजली का उत्पादन कर लेते हैं।
पांडीचेरी, आंध्रप्रदेश, दिल्ली, गोवा, छत्तीसगढ़, दादर एवं नगर हवेली, तमिलनाडु, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल ऐसे राज्य हैं जो लगभग अपनी जरूरत की पूरी बिजली का उत्पादन कर लेते हैं।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "अप्रैल 2007 से फरवरी 2008 तक बिजली की कुल कमी 6,436.8 करोड़ यूनिट थी जो मार्च के अंत तक बढ़कर 7,305 करोड़ यूनिट तक जा पहुंची।"
आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि देश के 56 प्रतिशत ग्रामीण इलाके यानी 7.8 करोड़ घर बिजली की पहुंच से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि यदि आपूर्ति नई बढ़ाई गई तो मांग और आपूर्ति के बीच का असंतुलन बढ़ता ही जाएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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