आतंकवाद से लड़ने के लिए एफएम रेडियो का सहारा!
वाराणसी, 30 जुलाई (आईएएनएस)। वाराणसी में अब एफएम रेडियो पर गुड मार्निंग बनारस के साथ साथ अब यहां के लोगों को आतंक और आतंकवादियों से लड़ने के गुर भी सीखने को मिलेंगे। इसके लिए वाराणसी पुलिस की तरफ से पूरी तैयारी की जा चुकी है।
वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय प्रकाश ने बताया कि यहां पर एफएम रेडियो के कुल चार चैनल हैं जिस पर सुबह, दोपहर, शाम और रात में आतंकवाद के खिलाफ संदेशात्मक विज्ञापन चलाये जायेंगे। जिससे आम जनता लावारिस वस्तुओं के प्रति सतर्क हो जायेगी और दूसरा वह आतंकियों के मंसूबों को समझकर सांप्रदायिक सौहार्द भी बना सकेगी।
धमाकों का दंश झेल चुके बनारस को यहां की पुलिस ने अतिसंवेदनशील मानते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम तो जरूर किये हैं, लेकिन वह आतंकवाद के खिलाफ जनजागरण को आतंकी दहशत से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार मान रही है। जनता को जागरूक करने के पुलिस के इस कदम का आम जनता में स्वागत भी किया जा रहा है।
वाराणसी के मलदहिया इलाके के रहने वाले श्याम शरण बताते हैं कि पुलिस को यह प्रयास काफी पहले ही शुरू कर देना चाहिए था लेकिन अभी भी ज्यादा देर नहीं हुई है।
एफएम रेडियो के अलावा शहर के सिविल डिफेंस, गांव की विलेज डिफेंस सोसाइटी, मुहल्ला कमेटी के अतिरिक्त शहर के प्रत्येक मुहल्ले में सात संभ्रांत लोगों की भी एक कमेटी बनायी जा रही है जो अपने अपने क्षेत्र में होने वाली हरकतों पर नजर रखेगी और सीधे इसकी सूचना सम्बन्धित थानों को देगी।
दैनिक यात्रियों में जागरूकता फैलाने के लिए एक पुलिस प्रचारक दस्ता भी बना दिया गया है जो रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, सिनेमाहाल, घाट प्रमुख मन्दिरों और मालों पर घूम घूम कर माइक द्वारा लोंगो को सतर्क करता रहेगा।
यह पूछने पर कि इतनी मात्रा में सिपाही कहां से आयेंगे तो खुद एस. एस. पी. विजय कुमार ने स्वीकार किया कि जिले में न तो पर्याप्त फोर्स है और न ही आबादी के हिसाब से थाने। लेकिन जितने संसाधन हमारे पास हैं उसी में बेहतर करना है।
उन्होंने बताया कि वाराणसी की पूरी फोर्स यदि पूरी तन्मयता से नजर रखे तो वह अपनी कुल आंखों से आठ हजार जगहों पर नजर रख पायेगी लेकिन यदि 31 लाख की आबादी वाले बनारस की जनता जागरूक हो जायेगी तो वह 62 हजार जगहों पर नजर रख सकेगी, जो कि किसी भी तरह के आतंकी मंसूबों पर पानी फेरने के लिए काफी होगा। क्योंकि जयपुर, बंगलौर फिर अहमदाबाद में हुए सीरियल धमाकों के अलावा अब सूरत में कई जिन्दा बमों के बरामद होने से आम जनता में काफी दहशत है, जिसका मुकाबला जनजागरण के द्वारा ही किया जा सकता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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