तेहरान से बीजिंग तक परमाणु करार को लेकर कूटनीतिक जंग जारी
नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)। भारत ने अमेरिका और चीन समेत गुटनिरपेक्ष आंदोलन के उन सभी सदस्य देशों से जो अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) और परमाणु आपूर्ति समूह (एनएसजी) के भी सदस्य हैं, से भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते के लिए समर्थन मांगा है।
विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार की रात अल्जीरिया के विदेश मंत्री से तेहरान में मुलाकात की और परमाणु करार के संबंध में उनसे समर्थन मांगा। मुर्खजी ने इसके अलावा मिस्र व घाना के भी विदेश मंत्रियों से भेंट की।
गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सदस्य देशों की बैठक के दौरान उन्होंने साइप्रस और बेलारूस के विदेश मंत्रियों से भी करार के बारे में चर्चा की और उनका समर्थन मांगा।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक आईएईए और एनएसजी के जिन सदस्य देशों से भारत ने संपर्क साधा है और जिनसे समर्थन की मांग की है, उनमें से अधिकांश देशों का रुख सकारात्मक रहा है। कुछ देशों ने तो औपचारिक तौर पर हमें समर्थन देने की बात कही है।
इस बीच, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने मंगलवार को बीजिंग में चीनी वाणिज्य दूत दाई बिंग्गुवो से भेंट की। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ और चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ के लिए लिखे गए समर्थन संबंधी पत्र को भी उन्होंने बिंग्गुवो को सौंपा।
चीन ने कहा है कि वह आईएईए से भारत केंद्रित सेफगार्ड समझौते का अध्ययन कर रहा है और जल्द ही इस बारे में अपनी राय जाहिर करेगा।
विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल भी फिनलैंड और स्वीडन के दौरे पर हैं। सिब्बल ने आईएएनएस से बातचीत में उम्मीद जताई थी कि सितम्बर महीने तक परामणु करार पूरा कर लिया जाएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
*