लोकसभा समिति ने सांसदों को रिश्वत दिए जाने की जांच शुरू की
नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)। लोकसभा में विश्वत मत के दौरान नोटों की गड्डियां लहराने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन सांसदों के रिश्वत दिए जाने के आरोपों की जांच के लिए गठित लोकसभा की सात सदस्यीय समिति ने बुधवार से काम प्रारंभ कर दिया।
लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी द्वारा गठित समिति की आज पहली बैठक हुई। भाजपा के तीन सांसदों अशोक अर्गल, फग्गनसिंह कुलस्ते और महावीर भगोरा ने ये आरोप लगाए हैं। समिति उनसे पूछताछ करेगी और सबूत इकट्ठा करेगी।
इन तीनों सांसदों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल और समाजवादी पार्टी (सपा) के महासचिव अमर सिंह पर रिश्वत देने के आरोप लगाए थे। भाजपा सांसदों का कहना है कि विश्वास मत का बहिष्कार करने के एवज में उन्हें नौ करोड़ रुपये की रिश्वत देने की पेशकश की गई थी, जिसमें से एक करोड़ रुपये उन्हें पेशगी के तौर पर दिए गए।
वरिष्ठ सांसद किशोर चंद्र देव की अध्यक्षता में गठित इस समिति में भाजपा के विजय कुमार मल्होत्रा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के मोहम्मद सलीम, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के देवेन्द्र प्रसाद यादव, समाजवादी पार्टी (सपा) के रामगोपाल यादव, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राजेश वर्मा और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सी. कुप्पुस्वामी शामिल हैं।
इस बीच, भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने जांच समिति के सदस्यों की संख्या बढ़ाए जाने की मांग की है। लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी के निवास पर राजग नेताओं की एक बैठक में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के गुरुदास दासगुप्ता, शिवसेना के अनंत गीते, बीजू जनता दल (बीजद) के ब्रजकिशोर त्रिपाठी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के श्रीनिवास पाटिल को समिति में शामिल किए जाने की मांग की गई।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।