'षडयंत्र' के अपने बयान पर सुषमा अड़ी (लीड-1)
नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)। संसद में हुए रिश्वत कांड को बंगलौर और अहमदाबाद के सिलसिलेवार बम धमाकों से जोड़ उसे षडयंत्र की संज्ञा देने संबंधी अपने बयान को लेकर चौतरफा आलोचना झेल रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज भले अपनी ही पार्टी में अलग-थलग पड़ गई हों लेकिन वह अभी भी अपने बयान पर कायम हैं।
पत्रकारों को संबोधित करती हुई सुषमा ने बुधवार को कहा, "मैंने जो कहा था, उस पर मैं अभी भी कायम हूं। मैंने जो कहा था, वह मेरा निजी बयान था न कि भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का। मैं अपनी कही बातों पर अडिग हूं।"
सुषमा के इस बयान की जहां चौतरफा आलोचना हो रही थी वहीं भाजपा समेत राजग नेताओं ने भी उनके इस बयान से अपना पल्ला झाड़ लिया। भाजपा ने इसे सुषमा का निजी विचार करार दिया।
भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, "सुषमा ने जिस दिन यह बयान दिया था, उसी दिन अहमदाबाद दौरे पर गए पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने स्पष्ट कर दिया था कि यह पार्टी का मत नहीं है। वैसे भी सुषमा ने खुद कहा है कि यह उनकी व्यक्तिगत राय थी।"
कांग्रेस ने सुषमा के बयान की जमकर आलोचना की और उसे गैरजिम्मेदाराना बताया था। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा था कि विश्वास मत में मिली पराजय के बाद भाजपा नेता अपना दिमागी संतुलन खो बैठे हैं।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को सुषमा ने कहा था कि लोकसभा में विश्वास प्रस्ताव के दौरान हुए रिश्वत कांड के खुलासे से देश की जनता का ध्यान हटाने के लिए पहले बंगलौर और फिर अहमदाबाद में बम धमाके का षडयंत्र रचा गया।
उन्होंने कहा था कि बम धमाके अमेरिका समर्थक परमाणु करार करने के बाद हाथ से निकल गए मुस्लिम वोट बैंक को साधने के प्रयासों के तहत किए गए हैं।
सुषमा स्वराज ने कहा था, "मैं पूरे दावे के साथ कहती हूं कि संसद रिश्वत कांड से लोगों का ध्यान हटाने के लिए बम धमाकों का षडयंत्र रचा गया। मैं यूं ही नहीं पूरी जिम्मेदारी के साथ यह बात बोल रही हूं।"
उन्होंने कहा, "संसद में विश्वास मत प्राप्त करने के चार दिनों बाद लगातार दो दिन भाजपा शासित राज्यों में विस्फोट किए गए। इससे बहुत कुछ स्पष्ट हो जाता है।"
सुषमा से जब यह पूछा गया था कि क्या आपके कहने का अर्थ है कि धमाकों के पीछे मनमोहन सिंह की सरकार का हाथ है, तो उन्होंने कहा, "मुझे जो कहना था वह मैंने कह दिया। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप इसका क्या अर्थ निकालेंगे।"
उन्होंने कहा था कि बम धमाके अमेरिका समर्थक परमाणु करार करने के बाद हाथ से निकल गए मुस्लिम वोट बैंक को साधने के प्रयासों के तहत किए गए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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