अल-बशीर के गिरफ्तारी पर मतभेद
आइसीसी के मुख्य अभियोजक लुइस मोरनो ओकांपो ने न्यायालय से अपील की थी कि उनके द्वारा प्रस्तुत प्रमाणों के आधार पर अल बशीर के नाम गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाए। लेकिन अफ्रीकी देशों का मानना है कि ऐसी किसी भी कार्रवाई से दारफुर में शांति बहाली के प्रयास पर विपरीत असर पड़ सकता है।
सोमवार को यह मुददा सुरक्षा परिषद में उठा था जिसमें सूडान में शांति रक्षकों की तैनाती को और बढ़ाने पर विचार हो रहा था। गौरतलब है कि इन सेनाओं की तैनाती का कार्यकाल गुरुवार को समाप्त हो रहा है।
सुरक्षा परिषद एक साल के लिए आइसीसी की कार्रवाई पर रोक लगा सकती है। रूस तथा चीन के समर्थन से लीबिया और दक्षिण अफ्रीका के विरोध से बशीर के खिलाफ आइसीसी के कदमों पर रोक लग सकती है। लेकिन ब्रिटेन तथा उसके सहयोगियों ने इस कदम का विरोध किया है।
अमेरिका
ब्रिटेन
और
फ्रांस
ने
कहा
कि
आइसीसी
की
कार्रवाई
तथा
शांतिसैनिकों
के
तैनाती
का
विस्तार
दोनों
अलग-अलग
मामले
हैं।
कल
हुए
विचार
विमर्श
में
सदस्य
देश
किसी
निर्णय
पर
पहुंचने
में
विफल
रहे।
लेकिन
गुरुवार
मध्य
रात्रि
से
पहले
किसी
नतीजे
पर
पहुंचना
आवश्यक
है।