ऋण हो सकते हैं महंगे
मुंबई,
29
जुलाई:
भारतीय
रिजर्व
बैंक
(आरबीआई)
द्वारा
रेपो
दर
और
सीआरआर
में
बढ़ोतरी
किये
जाने
की
वजह
से
अब
सभी
प्रकार
के
ऋण
महंगे
हो
सकते
हैं।
इससे
व्यावसायिक
बैंकों
के
लिए
ब्याज
दरों
में
बढ़ोतरी
की
जा
सकेगी।
आरबीआई
ने
अपनी
वार्षिक
मौद्रिक
नीति
की
पहली
तिमाही
में
रेपो
रेट
में
आधा
फीसदी
और
नकद
आरक्षी
अनुपात
(सीआरआर)
में
चौथाई
फीसदी
की
बढ़ोतरी
की
घोषणा
की
है।
इस
घोषणा
के
बाद
रेपो
रेट
साढ़े
आठ
फीसदी
से
बढ़कर
नौ
फीसदी
और
सीआरआर
25
बेसिक
प्वाइंट्स
बढ़कर
नौ
फीसदी
हो
गया
है।
नई
दरें
30
अगस्त
से
प्रभावी
होंगी।
आरबीआई
के
इस
कदम
से
बैंकों
के
अलावा
उपभोक्ताओं
पर
भी
काफी
प्रभाव
पड़ने
की
संभावना
है।
इस
बढ़ोतरी
से
बैंकों
के
पास
ऋण
देने
के
लिए
धन
की
उपलब्धता
कम
होगी।
इस
कारण
वे
ऋण
पर
ब्याज
की
दरों
में
बढ़ोतरी
कर
सकते
हैं,
जिसका
सीधा
असर
उपभोक्ताओं
पर
पड़ेगा।
समीक्षा
रिपोर्ट
को
जारी
करते
हुए
आरबीआई
के
गवर्नर
वाई.
वी.
रेड्डी
ने
चालू
वित्त
वर्ष
में
सकल
घरेलू
उत्पाद
(जीडीपी)
की
विकास
दर
आठ
फीसदी
के
आसपास
रहने
की
संभावना
जताई
है।
रेड्डी
ने
कहा
कि
वैश्विक
बाजार
में
अस्थिरता
के
रुख
और
घरेलू
बाजार
के
सामने
व्याप्त
चुनौतियों
को
देखते
हुए
तरलता
प्रबंधन
बैंक
की
पहली
प्राथमिकता
में
शामिल
है।