ब्रिटेन में अधिग्रहण की होड़ में भारतीय उद्योगपति आगे

By Staff
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लंदन, 29 जुलाई: भारतीय उद्यमी दूसरे देशों की तुलना में ब्रिटेन में कंपनियों के अधिग्रहण को कहीं अधिक तवज्जो दे रहे हैं। अग्रणी वित्तीय एवं कारोबार परामर्शदाता कंपनी ग्रांट थॉर्टन द्वारा किए गए एक नए विष्लेशण से इसकी पुष्टि होती है। भारतीय निवेशक ब्रिटेन में अधिग्रहण की होड़ में आगे हैं।

ग्रांट थॉर्टन की भारतीय इकाई इंडिया वाच रिसर्च, जो भारत-ब्रिटेन आर्थिक रिश्ते के पहलुओं का गहन आकलन करती है, के मुताबिक भारतीय कंपनी टाटा मोटर्स ने विख्यात वाहन ब्रांडों जगुआर एवं लैंडरोवर का अधिग्रहण कर ब्रिटेन में कंपनियों के अधिग्रहण की भारतीय निवेशकों की भूख और बढ़ा दी है।

प्रथम वर्ष की छमाही में भारतीय कंपनियों ने ब्रिटेन में कुल 152 अरब पाउंड के अधिग्रहण करार किए, वहीं अमेरिका में भारतीय उद्यमियों ने इसी अवधि में 93 करोड़ पाउंड एवं नीदरलैंड में 561 करोड़ पाउंड के निवेश करार किए। वैसे, भारतीयों द्वारा अधिग्रहित कंपनियों की सबसे अधिक संख्या अमेरिका में है। वर्ष 2008 की प्रथम छमाही में अमेरिका में भारतीयों ने कुल 41 कंपनियों का अधिग्रहण किया, जबकि ब्रिटेन में उल्लिखित अवधि में 21 कंपनियों का अधिग्रहण किया गया।

ग्रांट थॉर्टन के साउथ एशिया ग्रुप के प्रमुख अनुज चांदे ने कहा कि दोनों मुल्कों के बीच मजूबत ऐतिहासिक रिश्ते, साझी लोकतांत्रिक विरासत, कारोबार नैतिकता में समानता आदि जैसे कारक भारतीयों की ब्रिटेन में बढ़ती दिलचस्पी की वजह हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।



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