मप्र सरकार का फैसला, जन भागीदारी से बनेंगे जेल भवन (लीड-1)
भोपाल, 29 जुलाई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश सरकार ने प्राध्यापकों के रिक्त पदों की भर्ती के साथ-साथ नए जेल भवनों का निर्माण जन-निजी भागीदारी के जरिए करने का निर्णय लिया है। सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
प्रदेश की जेलों में कैदियों की बढ़ती संख्या और नई जेलों के निर्माण के लिए नई जेल नीति के निर्धारण को मंत्रिपरिषद ने हरी झंडी दे दी।
नई नीति के मुताबिक जर्जर अवस्था और घनी आबादी के बीच स्थित जेलों को शहर से बाहर स्थानांतरित किया जाएगा। साथ ही इन जेल भवनों का निर्माण जन-निजी भागीदारी के सिद्धांत पर होगा।
बैठक में मंत्रिपरिषद ने इंदौर जेल निर्माण के मौजूदा अनुबंध को निरस्त कर दिया। साथ ही तय किया है कि इस जेल को अब जन-निजी भागीदारी परियोजना के तहत ही तैयार किया जाएगा।
मंत्रिपरिषद ने सिविल सेवाओं की सीधी भर्ती पर लगी रोक समाप्त कर दी है। उच्च शिक्षा विभाग ने सीधी भर्ती के जरिए 769 रिक्त पदों पर प्राध्यापकों की भर्ती का निर्णय लिया है। इन पदों को दो चरणों में भरा जाना है। इससे सरकार पर सालाना 16 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
इसके अतिरिक्त आयुर्वेदिक, होम्योपैथी और यूनानी औषधालयों में 48 नए पदों का सृजन किया गया है। अनुसूचित जातियों के वन अपराध प्रकरण और अतिक्रमण से संबंधित मामले को वापस लेने का निर्णय हुआ है, जिससे एक लाख 74 हजार परिवार लाभान्वित होंगे।
राज्य सरकार ने दृष्टिहीन व्यक्तियों को साहित्य उपलब्ध कराने के लिए भोपाल में राज्यस्तरीय ब्रेल लीपि प्रेस स्थापित करने का भी निर्णय लिया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।