ग्रासनली के कैंसर से निपटने की तकनीक विकसित
वाशिंगटन, 29 जुलाई(आईएएनएस)। अमेरिकी आंत्रशोथ विशेषज्ञों ने ग्रासनली में कैंसर को फैलने से रोकने का एक नया तरीका विकसित किया है। इस उपचार विधि की बदौलत ग्रासनली की क्षतिग्रस्त कैंसर कोशिकाओं को दूसरी कोशिकाओं को प्रभावित करने से रोका जा सकता है।
इस उपचार विधि का नाम क्रायोएबलेशन थेरेपी रखा गया है। इसकी सफलता दर को देखते हुए अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने इसके इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। ग्रासनली की कैंसर कोशिकाएं सामान्य कोशिकाओं को प्रभावित कर इस बीमारी की भयावहता में इजाफा करती हैं। इस तकनीकी से इन कोशिकाओं को पूरी तरह जड़ किया जा सकता है।
टेनेसी विश्वविद्यालय में इंटरनल मेडिसीन विभाग में सहायक प्रोफेसर जयप्रकाश श्रीनरसिम्हैया कहते हैं, "उदर में जरूरत से काफी अधिक अम्ल बनने के कारण ग्रासनली में कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इस उपचार विधि का उद्देश्य ग्रासनली को अम्ल से होने वाली क्षति से बचाना है। इस विधि में क्षतिग्रस्त ऊतकों पर तरल नाइट्रोजन का इस्तेमाल कर कोशिकाओं को कैंसरकारक बनने से रोका जाता है।"
इसमें एक खास तरह के कैथेटर का इस्तेमाल किया जाता है। इस विधि को एक नियमित अंतराल पर दोहराने से इस रोग को फैलने से रोका जा सकता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।