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चीन ने अपने मानवाधिकार रिकार्ड को साफ-सुथरा बताया

By Staff
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बीजिंग, 29 जुलाई (आईएएनएस)। चीन ने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन, एमनेस्टी इंटरनेशनल के उन दावों का पुरजोर तरीके से खंडन किया है, जिनमें कहा गया है कि ओलंपिक की तैयारी के दौरान चीन का मानवाधिकार संबंधी रिकार्ड पहले से अधिक खराब हुआ है।

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस संबंध में जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीन ने ओलंपिक से जुड़े महान मूल्यों का अनादर करते हुए बड़ी संख्या में लोगों को जेल तथा श्रम शिविरों में डालने के साथ-साथ पत्रकारों को भी नजरबंद कर रखा है।

चीन के विदेश मंत्रालय ने हालांकि अंतर्राष्ट्रीय संस्था के इन दावों को द्वेषपूर्ण करार दिया है। विदेश मंत्रालय के अनुसार बीजिंग के लोग एमनेस्टी के इन दावों पर कभी भी यकीन नहीं करेंगे।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ली जियानचाओ ने कहा, "हम एमनेस्टी से जिम्मेदार रवैये की आशा कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि संस्था अपनी आंखों से द्वेष का चश्मा हटाकर हमारी ओर पाक-साफ निगाह से देखे। उसे जरूर लगेगा कि हमने बहुत से सकारात्मक कार्य किए हैं।"

'द चाइना सोसाइटी फॅार ह्यूमन राइट्स स्टडीज' (मानवाधिकार संबंधी चीनी संस्था) नाम की सरकारी संस्था ने भी एमनेस्टी के दावों को गलत बताया है। संस्था के प्रवक्ता जियान ली ने कहा, "हम मानते हैं कि मानवाधिकार को लेकर हमारे यहां समस्याएं हैं, लेकिन हम इनका हल खोज रहे हैं। मैं तो कहूंगा कि पिछले कुछ समय में हमारा मानवाधिकार संबंधी रिकार्ड काफी बेहतर हो गया है।"

चीन को जब ओलंपिक मेजबानी सौंपी गई थी, तब उसने ओलंपिक मूल्यों का सम्मान करते हुए लोगों का सम्मान करने की बात कही थी। इसमें मानवाधिकारों की रक्षा, मीडिया की स्वतंत्रता और स्वास्थ्य तथा शिक्षा की बेहतर सुविधाएं प्रदान करना शामिल था।

एमनेस्टी का मानना है कि चीन ने ओलंपिक मूल्यों का अनादर किया है। अपनी रिपोर्ट 'द ओलंपिक्स काउंटडाउन : ब्रोकन प्रामिसेज' में संस्था ने कहा है कि चीन ने प्रदर्शनकारियों को जेल में डालने, पत्रकारों को नजरबंद करने, वेबसाइटों को प्रतिबंधित करने और हजारों लोगों को बेघर करने जैसे कई मानवाधिकार हनन संबंधी काम किए हैं।

चीन का मानवाधिकार संबंधी रिकार्ड खराब रहा है। ओलंपिक से पहले इसमें और गिरावट आई है। यही कारण है कि फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी और जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल सहित कई प्रमुख विश्व नेताओं ने ओलंपिक उद्घाटन समारोह से खुद को दूर रखने का फैसला किया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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