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सूरत में जिंदा बम मिले, धमाकों की जांच में तेजी (राउंडअप)

By Staff
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सूरत/अहमदाबाद/नई दिल्ली, 29 जुलाई (आईएएनएस)। गुजरात के अहमदाबाद में पिछले शनिवार को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद आम लोगों की जिंदगी अभी पटरी पर लौट ही रही थी कि कपड़े व हीरे के व्यवसाय के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध सूबे के सूरत में मंगलवार को कुल 18 जिंदा बम बरामद किए गए।

इन सभी बमों को हालांकि निष्क्रिय कर दिया गया लेकिन भय व आतंक के माहौल ने यहां के लोगों की सांसें अटकाए रखी।

मंगलवार को अधिकांश बम यहां के वराछा क्षेत्र से बरामद किए गए। पहला बम सुबह तकरीबन 9 बजे यहां के वराछा क्षेत्र में लाबेश्वर पुलिस चौकी के पास से उस वक्त बरामद किया गया, जब एक दुकानदार सुबह-सुबह अपनी दुकान खोल रहा था। उसने जैसे ही दुकान का शटर उठाया, एक बैग गिर पड़ा। उसने तत्काल पुलिस को इसकी सूचना दी।

सूचना मिलते ही वराछा के पुलिस निरीक्षक वी. बी. पटेल बम निष्क्रिय करने वाले दस्ते के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए और फिर बम को बेअसर किया गया।

थोड़ी ही देर बाद बड़ौदा ब्रिज के संतोषनगर क्षेत्र में एक कपड़े की दुकान के पास बम मिलने की खबर आई। दुकान के इलेक्ट्रिक मीटर बक्से के अंदर बम रखा गया था। बाद में इसे भी निष्क्रिय किया गया। इससे पहले सोमवार की रात यहां के लाबेश्वर क्षेत्र से भी जिंदा बम बरामद किए गए थे।

मातवाड़ी पुलिस स्टेशन के पास आज दोपहर पीपल के पेड़ की टहनियों पर एक बम मिला। इसके बाद वराछा के हीरा बाजार में चार बम मिलने की सूचना से हड़कंप मच गया। चारों बमों को निष्क्रिय कर दिया गया।

लगातार बम मिलने की खबरों से पूरे शहर में भय का माहौल बना रहा। सूरत शहर में हाई अलर्ट घोषित किया गया है।

सूरत शहर के पुलिस आयुक्त आर. एम. एस. बरार ने कहा, "लोगों की जागरूकता की वजह से सभी बमों को समय रहते असरहीन किया जा सका। हमने जनता से आग्रह किया है कि वे भीड़भाड़ वाले स्थानों से परहेज करें।"

उधर, अहमदाबाद में हुए विस्फोटों की जांच तेज हो गई है। आज दिनभर दुर्घटना स्थलों की छानबीन होती रही और घायलों से पूछताछ जारी रही। पुलिस ने अब्दुल हलीम नामक सिमी के एक कार्यकर्ता को उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार किया गया।

इसके अलावा सुरेन्द्रनगर से तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस को उम्मीद है कि इन गिरफ्तारियों से जांच की दिशा में आगे बढ़ा जा सकेगा।

इधर दिल्ली में केंद्र सरकार विस्फोटकों से संबंधित 1983 के नियमों में बदलाव लाने पर काम कर रही है। इसके तहत अमोनियम नाइट्रेट के व्यवासायिक इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाए जाने पर विचार चल रहा है।

ज्ञात हो अमोनियम नाइट्रेट आसानी से उपलब्ध होने की वजह से आतंकवादियों का प्रमुख हथियार बन गया है जिसके जरिए वे आसानी से विस्फोटों को अंजाम तक पहुंचाते हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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