कृत्रिम जल संकट से अंतर्राज्यीय तनाव और बढ़ेंगे
नई दिल्ली, 28 जुलाई (आईएएनएस)। देश में उत्पन्न कृत्रिम जल संकट को अगर और गंभीर होने से नहीं रोका गया तो यह अंतर्राज्यीय तनाव को और भड़का सकता है। भारतीय उद्योग व वाणिज्य संगठन एसोचैम से जारी रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत के अनुसार जल संकट को लेकर बढ़ते विवाद की चुनौती फिलहाल देश के लिए बड़ी समस्या बना हुआ है। इस संकट से न सिर्फ शहरी व ग्रामीण आबादी, गरीब और अमीर बल्कि विभिन्न राज्यों के बीच गंभीर विवाद उत्पन्न हो गया है।
संगठन से जारी रिपोर्ट के मुताबिक आम लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के मामले में देश ने प्रगति की है, लेकिन अभी भी इसको लेकर देश में बहुत बड़ी असमानता है। संगठन ने महंगाई दर के बढ़कर 11.89 फीसदी के स्तर तक पहुंच जाने के लिए जलसंकट को भी जिम्मेदार ठहराया है।
एसोचैम के महासचिव ने कहा है कि देश में जल संकट की समस्या के लिए प्रकृति नहीं बल्कि अनुचित व अपर्याप्त प्रबंधन जिम्मेदार है।
अध्ययन के मुताबिक देश की ग्रामीण आबादी का 50 फीसदी हिस्सा अभी भी स्वच्छ पेयजल से महरूम है। वहीं देश के कुल 35 राज्यों में से सिर्फ सात राज्य ऐसे हैं जहां ग्रामीण आबादी को पर्याप्त स्वच्छ पेयजल मुहैया कराया जा रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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