अच्छी फिल्म का मतलब बौद्धिक सिनेमा नहीं : अमोल गुप्ते
नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। पटकथा लेखक और फिल्म निर्माता अमोल गुप्ते ने फिल्म 'तारे जमीं पर' का हवाला देते हुए कहा है कि अच्छी फिल्म का मतलब बौद्धिक सिनेमा नहीं होता है।
नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। पटकथा लेखक और फिल्म निर्माता अमोल गुप्ते ने फिल्म 'तारे जमीं पर' का हवाला देते हुए कहा है कि अच्छी फिल्म का मतलब बौद्धिक सिनेमा नहीं होता है।
गुप्ते ने आईएएनएस से कहा, "आज की तारीख में भारतीय सिनेमा ऊहा-पोह की स्थिति में है। जब हम कहते हैं कि हमारे यहां अच्छी फिल्में नहीं हैं, जिसकी प्रकृति बौद्धिक भी हो तो सबसे पहले बॉलीवुड में हमें अच्छी फिल्मों की परिभाषा तय करनी पड़ेगी।"
उन्होंने कहा कि 'तारे जमीं पर' एक बौद्धिक फिल्म नहीं थी लेकिन उसने दर्शकों का दिल जीत लिया। अमोल इस फिल्म के रचनात्मक निर्देशक थे।
उन्होंने कहा, "मैं यह नहीं कहूंगा कि 'तारे जमीं पर' एक बौद्धिक फिल्म थी। वह एक मानवीय फिल्म थी जिसमें भावनाओं का महत्व था। मैं मानता हूं कि जो फिल्में मनोरंजन कराती हैं वे अच्छी फिल्में होती हैं।"
गुप्ते ने आमिर खान द्वारा निर्मित 'जाने तू.. या जाने ना' का भी हवाला दिया। यह फिल्म को युवाओं ने काफी पसंद किया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।