माकपा का प्रधानमंत्री पर हमला
इश वक्तव्य माकपा ने कड़ा विरोध जताया है। अखबार के संपादकीय में इस बात का उल्लेख है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकसभा में सरकार द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव के दूसरे दिन अपने लिखित भाषण में इस बात का जिक्र किया था कि वामदलों ने अपने समर्थन के एवज में उन्हें चार वर्षो तक लगातार बंधुआ मजदूर बनाए रखा।
संपादकीय के अनुसार भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौता को लेकर जारी बातचीत के हर स्तर पर वामदल वीटो करना चाहते थे जो सरकार को किसी भी सूरत में गवारा नहीं था।
संपादकीय
में
कहा
गया
है
कि
चार
वर्षो
तक
वामदलों
ने
संयुक्त
प्रगतिशील
गठबंधन
(संप्रग)
सरकार
को
न्यूनतम
साझा
कार्यक्रम
के
आधार
पर
समर्थन
जारी
रखा।
वामदलों
के
मुताबिक
उन्हें
व
उनकी
सरकार
को
व्यक्तिगत
तौर
पर
नहीं
बल्कि
न्यूनतम
साझा
कार्यक्रम
के
आधार
पर
बंधुआ
मजदूर
होना
चाहिए
था।
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