फिर शुरू हुई कीचड़ उछाल राजनीति
नई
दिल्ली,
मलप्पुरम
(केरल),
24
जुलाई:
मार्क्सवादी
कम्युनिस्ट
पार्टी
(माकपा)
ने
बुधवार
देर
पार्टी
की
एक
उच्चस्तरीय
बैठक
में
निर्णय
लेते
हुए
लोकसभा
अध्यक्ष
और
पार्टी
सांसद
सोमनाथ
चटर्जी
को
पार्टी
से
निष्कासित
कर
दिया।
सोमनाथ
चटर्जी
के
निष्कासन
के
बाद
से
आरोपों
की
राजनीति
शुरू
हो
गई
है।
कई
नेता
जो
अबतक
शांत
बैठे
थे,
वो
अबतक
अन्य
सांसदों
पर
कीचड़
उछालने
में
लगे
हुए
हैं।
सोमनाथ
चटर्जी
पर
सबसे
पहला
कीचड़
उन्हीं
की
पार्टी
ने
यह
कह
कर
उछाला
कि
चटर्जी
ने
पार्टी
हितों
के
साथ
गंभीर
समझौता
किया।
यानि
उन्होंने
पार्टी
के
विरुद्ध
जाकर
कांग्रेस
का
साथ
दिया
है।
चटर्जी
द्वारा
लोकसभा
अध्यक्ष
पद
से
त्यागपत्र
देने
की
पार्टी
की
सलाह
को
अनदेखा
करने
पर
यह
कदम
उठाया
गया।
इस
अध्याय
के
साथ
चटर्जी
के
पार्टी
से
चालीस
साल
पुराने
रिश्ते
भी
खत्म
हो
गये।
पार्टी
द्वारा
संविधान
के
अनुच्छेद
19
के
उपवाक्य
13
के
अंतर्गत
पार्टी
हितों
को
देखते
हुए
लिये
गये
इस
निर्णय
के
बाद
दल
के
कई
नेताओं
ने
सोमनाथ
के
खिलाफ
भड़ास
निकाली।
माकपा
की
केरल
इकाई
के
राज्य
सचिव
पिन्नारी
विजयन
ने
कहा
कि
सोमनाथ
चटर्जी
ने
पार्टी
के
साथ
छल
किया
है।
उन्होंने
कहा
कि
इतने
बड़े
पद
पर
रहते
हुए
कम्युनिस्ट
के
रूप
में
उन्होंने
पार्टी
के
साथ
धोखा
किया
है।
पोलित ब्यूरो सदस्य व केरल के मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन ने पार्टी के कदम को सही ठहराते हुए कहा कि लोकसभा अध्यक्ष का यह कदम पार्टी के अनुशासन का खुला उल्लंघन है।
केवल
चटर्जी
पर
ही
नहीं
बल्कि
अन्य
बीजेपी
के
सांसदों
पर
भी
कीचड़
उछाले
जाने
की
राजनीति
अभी
भी
गर्म
है।
नेशनल
कांफ्रेंस
के
अध्यक्ष
और
सांसद
उमर
अब्दुल्ला
ने
संसद
में
नोटों
की
गड्डियां
उछाले
जाने
की
घटना
पर
कहा
है
कि
वह
दिन
दूर
नहीं
जब
सांसदों
को
वेश्या
और
मछुआरों
जैसे
संबोधनों
से
नवाजा
जाएगा।
उन्होंने
कहा
कि
बीजेपी
सांसदों
की
इस
हरकत
ने
सदन
की
प्रतिष्ठा
को
ठेस
पहुंचाइ
है।