नेपाल में उपराष्ट्रपति के हिंदी में शपथ लेने से हंगामा
काठमांडू, 24 जुलाई (आईएएनएस)। नेपाल के पहले उपराष्ट्रपति परमानंद झा शपथ ग्रहण के साथ ही विवादों में फंस गए हैं। दरअसल, झा के बुधवार को हिंदी में शपथ लेने के कारण पूरे देश में हंगामा खड़ा हो गया है।
काठमांडू, 24 जुलाई (आईएएनएस)। नेपाल के पहले उपराष्ट्रपति परमानंद झा शपथ ग्रहण के साथ ही विवादों में फंस गए हैं। दरअसल, झा के बुधवार को हिंदी में शपथ लेने के कारण पूरे देश में हंगामा खड़ा हो गया है।
पूर्व न्यायाधीश झा के पद और गोपनीयता की शपथ हिंदी में लेने के कारण नावालपारसी, चितवन, सारलाही और राजधानी काठमांडू के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। झा को बुधवार को जब राष्ट्रपति रामबरन यादव नेपाली में शपथ दिला रहे थे, तो उन्होंने नेपाली के बदले हिंदी में शपथ ली।
देश भर में छात्र संगठन झा के हिंदी में शपथ लिए जाने का विरोध कर रहे हैं। मधेशी समुदाय से आने वाले झा पर आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने अपनी मातृभाषा मैथिली में शपथ नहीं लेकर देश की संस्कृति और राष्ट्रीय हितों की अनदेखी की है।
गौरतलब है कि नेपाल के तराई इलाकों में बड़ी संख्या में मैथिली भाषी लोग रहते हैं। काठमांडू महाविद्यालय में छात्र संगठनों ने सड़कों पर टायर जलाए और विरोधस्वरूप काले झंडे दिखाए। छात्र संगठनों का कहना है कि झा ने हिंदी भाषा में शपथ लेकर उपराष्ट्रपति पद की गरिमा का अपमान किया है।
काठमांडू स्थित बालाजू औद्योगिक इलाके में प्रदर्शनकारियों ने भारत की ओर जाने वाले राजमार्ग को जाम कर दिया। माओवादियों के समाचार पत्र 'जनदिशा' ने गुरुवार को पहले पन्ने पर लिखा है, 'उपराष्ट्रपति झा नेपाली या हिंदुस्तानी?'
नेपाली टोपी नहीं पहनने पर भी झा विवादों में फंस गए हैं। झा के बाकी पहनावे पर भी आपत्ति दर्ज की गई । शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने भारतीय पोशाक धोती-कुर्ता पहना था। गौरतलब है कि नेपाल में धोती को अपमानजनक वस्त्र माना जाता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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