सोमनाथ राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे : चौधरी
अगरतला, 24 जुलाई (आईएएनएस)। लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर दबाव भी डाला था। यह खुलासा किया है मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता बादल ने जो पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य होने के साथ-साथ त्रिपुरा सरकार में वित्त मंत्री भी हैं।
अगरतला, 24 जुलाई (आईएएनएस)। लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर दबाव भी डाला था। यह खुलासा किया है मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता बादल ने जो पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य होने के साथ-साथ त्रिपुरा सरकार में वित्त मंत्री भी हैं।
माकपा नेता चौधरी ने यहां पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए बताया, "खुद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के लिए चटर्जी ने पिछले साल पार्टी नेतृत्व पर दबाव डाला था। उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा था कि उन्हें यदि पार्टी की अनुमति दे दे तो वे कांग्रेस को मना लेंगे।"
उन्होंने कहा, "इसके बाद जब उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुए तो फिर चटर्जी ने पार्टी नेतृत्व के समक्ष यह प्रस्ताव रखा कि उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना दिया जाए लेकिन एक बार फिर पार्टी नेतृत्व ने उनके आग्रह को ठुकरा दिया।"
उन्होंने एक और खुलासा करते हुए कहा, "1996 में चटर्जी जब माकपा संसदीय दल के नेता थे तो उन्होंने अपने निवास पर पार्टी के सभी सांसदों की एक बैठक बुलाई। वे चाहते थे कि पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवगौड़ा के नेतृत्व में गठित संयुक्त मोर्चा सरकार में शामिल होने के लिए सभी सांसद अपना समर्थन दें ताकि पार्टी नेतृत्व को मनाया जा सके। लेकिन उनका यह प्रयास भी विफल हुआ।"
ज्ञात हो कि सोमनाथ चटर्जी को बुधवार को माकपा से निष्कासित कर दिया गया है। पार्टी नेतृत्व चाहता था कि लोकसभा में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा विश्वास प्रस्ताव पेश करने से पहले वे लोकसभा अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दें। लेकिन चटर्जी ने ऐसा नहीं किया।
पार्टी नेता मानते हैं कि लोकसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा न देकर सोमनाथ ने सरकार की सहायता की।
इस बीच राज्य कांग्रेस ने माकपा नेतृत्व के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। राज्य कांग्रेस के प्रवक्ता तपन डे ने कहा, "अब कांग्रेस चटर्जी की सेवाओं का फायदा उठा सकेगी। वे अनुभवी व वरिष्ठ नेता हैं। उन्हें किसी देश का राजदूत या किसी राज्य का राज्यपाल बना दिया जाना चाहिए।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।