विवाद खत्म करने के लिए लड़कियों का जबरन विवाह!
इस्लामाबाद, 23 जुलाई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के कबायली इलाकों में दो कबीलों के बीच विवाद समाप्त करने के लिए कम उम्र की लड़कियों का जबरन विवाह करने की 'वानी' प्रथा अभी भी जारी है।
इस्लामाबाद, 23 जुलाई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के कबायली इलाकों में दो कबीलों के बीच विवाद समाप्त करने के लिए कम उम्र की लड़कियों का जबरन विवाह करने की 'वानी' प्रथा अभी भी जारी है।
सरकार और सामाजिक संगठनों द्वारा इस गैरकानूनी प्रथा को समाप्त करने की कोशिश के बावजूद इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं।
कबायली इलाके में प्रकाश में आई ऐसी ही एक घटना में 10 साल पुराने हत्या के विवाद को सुलझाने के लिए 11 और नौ साल की दो लड़कियों का विवाह 28 तथा 34 वर्ष के व्यक्तियों से कर दिया गया।
यह विवाद 1998 में शुरू हुआ जब तरीन शाह नामक युवक और नुशमीना नामक लड़की विवाह करने के लिए घर से भागे। बाद में उन दोनों को पकड़ कर एक कमरे में बंद कर दिया गया, लेकिन तीन दिन बाद अपनी रखवाली करने वाले व्यक्ति की हत्या करके दोनों फिर भाग निकले।
एक साल बाद लड़की के परिवार वालों ने अबोटाबाद जिले के एक गांव में उन दोनों का पता लगा लिया। एक कबायली पंचायत 'जिरगा' ने शाह की तीन साल और एक वर्ष की दो भतीजियों सायरा और जैनब का विवाह मारे जा चुके रखवाले के भाइयों से कराने का निर्णय दिया जिसे दोनों पक्षों ने स्वीकार कर लिया।
जिरगा ने आदेश दिया था कि दोनों लड़कियों का विवाह तब किया जाएगा जब वे बड़ी हो जाएंगी।
इस सप्ताह दोनों लड़कियों की मां ने पुलिस से शिकायत की है कि उसका देवर उसकी दोनों बेटियों को कबायली इलाके में ले गया है।
पुलिस के अनुसार गिरफ्तार शाह ने दावा किया कि लड़कियों के पिता जरीन ताज की मर्जी से ही उनको नुशमीना के रिश्तेदारों के पास ले जाया गया है। दोनों दूल्हे नुशमीना के चचेरे भाई हैं।
एक सामाजिक कार्यकर्ता बुशरा सेहर ने कहा कि यह शर्मनाक है कि 21वीं शदी में भी अपने बड़ों द्वारा किए गए अपराधों के हर्जाने के रूप में लड़कियां दी जा रही हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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