सती हुई महिला के चार पुत्रों को उम्रकैद
भोपाल, 23 जुलाई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में दो साल पहले सती हुई महिला के चार पुत्रों को बुधवार को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। चारों पुत्रों पर आरोप है कि उन्होंने अपनी मां करूइया बाई को सती होने के लिए प्रेरित किया था।
शासकीय अधिवक्ता राकेश शुक्ला ने आईएएनएस को बताया कि छतरपुर के बनियानी की करूइया बाई के पति की सितंबर 2006 में मौत हो गई थी। पति की चिता के साथ करूइया बाई भी सती हो गई थी। पुलिस ने इसके लिए करूइया बाई के चार पुत्रों राम करण, दृग पाल, कृपाल और कुबेर को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया था। बाद में यह प्रकरण आत्महत्या के लिए प्रेरित करने में बदल दिया गया।
शुक्ला के मुताबिक सत्र न्यायाधीश एऩ के. पोरवाल ने बुधवार को करूइया बाई के चारों पुत्रों को आईपीसी की धारा 306 के तहत 10 साल और सती अधिनियम के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।