केरल में मजदूरों और कारीगरों की सेवाएं भी हुईं ऑनलाइन
कन्नूर, 23 जुलाई (आईएएनएस)। इंटरनेट क्रांति की हवा से अब मजदूर, प्लंबर आदि भी प्रभावित होने लगे हैं। केरल के कन्नूर जिले के गांवों में ऐसे लोगों की सेवाएं भी ऑनलाइन हो गई हैं। यहां तक कि रक्तदाताओं, बच्चों के लिए उपयुक्त स्कूलों और करीगरों की तलाश के लिए भी लोग इंटरनेट की मदद ले रहे हैं।
कन्नूर, 23 जुलाई (आईएएनएस)। इंटरनेट क्रांति की हवा से अब मजदूर, प्लंबर आदि भी प्रभावित होने लगे हैं। केरल के कन्नूर जिले के गांवों में ऐसे लोगों की सेवाएं भी ऑनलाइन हो गई हैं। यहां तक कि रक्तदाताओं, बच्चों के लिए उपयुक्त स्कूलों और करीगरों की तलाश के लिए भी लोग इंटरनेट की मदद ले रहे हैं।
कन्नूर जिले के गांवों की सामुदायिक वेबसाइटों पर इस तरह की सूचनाएं उपलब्ध हैं। रोजाना के कायरें में आने वाली परेशानियों के निपटारे में किन लोगों की सेवा ली जाए, यह जानकारी भी नेट पर उपलब्ध है। केरल के इस जिले के लोग इंटरनेट के जरिए इन पेशेवर सेवादाताओं से संपर्क करते हैं। इसका श्रेय राज्य सरकार की एक नई पहल को दिया जाता है।
सरकार की सूचना एवं संचार तकनीकी पहल 'अक्षय' के तहत इस तरह के ग्रामीण पोर्टल लांच किए गए हैं। ये पोर्टल नारियल तोड़ने वाले व्यक्तियों की जानकारी भी देते हैं। इन ग्रामीण वेबसाइटों पर रोजगार की खबरें भी मौजूद हैं। वेवसाइटों की सेवा एंटग्रामम़ गव़ इन पर उपलब्ध लिंक के जरिए हासिल की जा सकती है। मलयालम में एंट ग्रामम का मतलब होता है- मेरा गांव। ये सभी पोर्टल मलयालम में हैं।
केरल आईटी मिशन के राज्य समन्वयक एस़ बी बीजू ने आईएएनएस को बताया कि इस अग्रगामी परियोजना को यूनेस्को की मदद से शुरू किया गया। पिछले महीने कन्नूर की नौ ग्राम पंचायतों और एक नगर निगम में यह सेवा शुरू की गई।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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