लोंगेवाला युद्ध का हीरो कानूनी जंग लड़ रहा है
रितु शर्मा
रितु शर्मा
नई दिल्ली, 23 जुलाई(आईएएनएस)। सन 1971 में भारत के पश्चिमी सेक्टर में लड़े गए प्रसिद्ध लोंगेवाला युद्ध की प्रामाणिकता को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा। इस युद्ध के असली हीरो करार दिए गए बिग्रेडियर (सेवानिवृत) कुलदीप सिंह चांदपुरी को इस युद्ध की प्रामाणिकता और अपने सम्मान की रक्षा के लिए अदालती जंग लड़नी पड़ रही है।
कुलदीप सिंह ने एयर मार्शल (सेवानिवृत) एम़ एस बावा और मेजर जनरल (सेवानिवृत) आत्मा सिंह के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज कराया है और उन पर प्रतीकात्मक तौर पर एक रुपये का दावा ठोंका है। उनका आरोप है कि ये दोनों पूर्व सैन्य अधिकारी इस युद्ध में न सिर्फ थल सेना की भूमिका को झुठलाने में लगे हैं, बल्कि उनकी छवि भी खराब करने में जुटे हैं।
दिलचस्प तथ्य यह है कि खुद इस युद्ध के लिए वीर चक्र हासिल कर चुके आत्मा सिंह ने हाल ही में यह बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया कि पश्चिमी सेक्टर में लड़े गए इस युद्ध में दुश्मन को शिकस्त देने में वायु सेना की केंद्रीय भूमिका थी, थल सेना के अधिकारियों ने तो अपनी कायरता छुपाने के लिए नकली जंग का नजारा पेश कर वाहवाही लूट ली थी। बावा भी ऐसा ही बयान दे रहे हैं।
चांदपुरी ने अपनी याचिका में कहा है, "बावा दुर्भावनापूर्ण बयान दे रहे हैं। वह न सिर्फ उनकी छवि खराब कर रहे हैं, बल्कि इस युद्ध में जांबाजी की मिसाल कायम करने वाली थल सेना की पूरी अल्फा कंपनी को बदनाम करने में लगे हैं।"
लोंगेवाला में लड़ी गई इस जंग में बहादुरी के लिए कुलदीप सिंह को महावीर चक्र दिया गया था और उनकी कंपनी को छह वीरता पुरस्कार दिए गए थे।
इंडो-एषियन न्यूज सर्विस।
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