लिट्टे ने किया एकतरफा युद्ध विराम
लिट्टे ने अपने बयान में कहा कि वह हमेशा पड़ोसी देशों के साथ मित्रता को बढ़ावा देने का पक्षधर रहा है इसलिए वह इस बार भी ऐसा कर रहा है। साथ ही उसने चेतावनी भी दी है कि यदि सरकार ने उसके प्रस्ताव को ठुकरा कर सैनिक कार्रवाई की तो वह भी उसका जवाब देगा।
लिट्टे की राजनीतिक शाखा द्वारा सोमवार रात को मीडिया को भेजे गए एक ई-मेल में कहा गया है कि यदि इस दौरान सरकार ने कोई सैनिक कार्रवाई की तो वे भी उसका जवाब देने के लिए बाध्य हो जाएंगे।
लिट्टे ने अपने बयान में सार्क सम्मेलन की सफलता की कामना करते हुए भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और मालदीव को अपना समर्थन दिया है।
बयान में श्रीलंका की मौजूदा सरकार पर आरोप लगाया है कि वह तमिल जनता के राष्ट्रीय समस्या के सवाल को हल करने की दिशा में प्रयास नहीं कर रही है। लिट्टे ने कहा कि श्रीलंका की राजनीति आज एक विनाशक युद्ध में फंस गई है।
लिट्टे द्वारा एकतरफा युद्ध विराम का प्रस्ताव ऐसे समय आया है जब सरकार ने दावा किया है कि उसने मन्नार जिले में विद्रहियों के कब्जे वाले और इलाकों पर अधिकार कर लिया है।