सन्जय, मान्यता फिर मुश्किल में
सत्र अदालत ने मेराज और मान्यता के तलाक को बरकरार रखा था। मेराज ने अपने आवेदन में कहा है कि तलाक को बरकरार रखा जाना बिना सोचे समझे दिया गया फैसला है।
मेराज के वकील रवि मुंगेकर ने कहा कि सत्र न्यायालय ने उनके मुवक्किल को मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष सबूत पेश करने की अनुमति दिए बिना ही फैसला सुना दिया।
इस मामले के संभवतः बुधवार को न्यायाधीश अभय ओका के समक्ष आने की संभावना है।
फिलहाल आर्थर रोड जेल में बंद मेराज ने अपने आवेदन में आगे कहा कि खुला के जरिए तलाक पति द्वारा दिया जाता है लेकिन उसने मान्यता को कभी तलाक नहीं दिया।
मई में सत्र न्यायालय ने मजिस्ट्रेट अदालत के उस आदेश को किनारे रख दिया था जिसमें संजय दत्त और मान्यता के अनैतिक संबंधों और पहले से ही विवाहित होते हुए भी दूसरी शादी करने के मामले में अदालत में पेश होने को कहा गया था।
मान्यता
ने
इस
अदालती
प्रक्रिया
को
सत्र
न्यायालय
में
चुनौती
दी
थी।
उनके
वकील
ने
कहा
था
कि
उनकी
मुवक्किल
ने
खुला
के
जरिए
अपने
पति
से
तलाक
ले
लिया
था।