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लोकसभा में हंगामे से डोली मध्यप्रदेश की राजनीति

By Staff
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भोपाल, 22 जुलाई (आईएएनएस)। लोकसभा में विश्वास प्रस्ताव पर चल रही बहस के दौरान तीन सांसदों ने नोटों की गड्डियां लहराकर जिस प्रकार देश की राजनीति को झकझोर दिया है, उसका असर मध्यप्रदेश की राजनीति पर भी दिखने लगा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हो या कांग्रेस, दोनों एक दूसरे को लोकतंत्र को कलंकित करने का आरोपी बताने पर तुले हैं।

दोनों ही दल सड़क पर उतरने की तैयारी कर चुके हैं, जिसके जरिए वे प्रदेश की जनता को अपने को पाक साफ और दूसरे को दागदार बताने की कोशिश करेंगे। ज्ञात हो कि खरीद-फरोख्त का आरोप लगाने वाले तीन में दो सांसद मध्यप्रदेश से ताल्लुकात रखते हैं।

लोकसभा में विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान अनुपस्थित रहने के एवज में कथित तौर पर तीन-तीन करोड़ रुपये की सौदेबाजी का आरोप लगाते हुए भाजपा के तीन सांसदों ने एक करोड़ रुपये सदन में दिखाकर हंगामा कर दिया। भाजपा का आरोप है कि यह राशि उनके सांसदों को सत्ता पक्ष की ओर से बतौर पेशगी दी गई थी।

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रजेंद्र सिंह सिसौदिया ने सांसदों की खरीद-फरोख्त को लोकतंत्र के इतिहास की सबसे काली घटना करार दिया है। उनका कहना है कि सत्ता पक्ष द्वारा विश्वास मत हासिल करने के लिए अपनाया गया यह हथकंडा लोकतंत्र को शर्मसार कर देने वाला है। उनकी पार्टी प्रदेश की जनता को वास्तविकता से अवगत कराने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पुतले फूंकेगी। साथ ही जनता का आह्वान करेगी कि वह लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए कांग्रेस को उखाड़ फेंके।

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने सौदेबाजी को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इशारे पर रची गई साजिश करार दिया है। प्रदेश के प्रमुख प्रवक्ता मानक अग्रवाल का कहना है कि खरीद-फरोख्त का आरोप लगाने वाले सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते वह व्यक्ति है जो खुद सांसद निधि में से कमीशन मांगने के आरोप में फंस चुके हैं। उनकी पार्टी भाजपा की इस साजिश के खिलाफ अभियान चलाएगी।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदेश सचिव बादल सरोज का कहना है कि सांसदों की खरीद फरोख्त का खुलासा होने से भाजपा और कांग्रेस की हकीकत सामने आ गई है। इन दोनों दलों को देश से ज्यादा अपने लाभ की चिंता है। इसीलिए उन्होंने वे सारे हथकंडे अपनाए जो लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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