विश्वास प्रस्ताव : परमाणु रंगभेद से छुटकारा दिलाएगा करार : प्रणब (लीड-1)
नई दिल्ली, 21 जुलाई (आईएएनएस)। विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि भारत अमेरिका असैन्य परमाणु समझौता संपन्न हो जाने से न सिर्फ हमारी ऊर्जा की जरूरतें पूरी हो जाएंगी बल्कि पिछले 30 वर्षो से भारत जिस 'परमाणु रंगभेद' का सामना कर रहा है, उससे भी उसे छुटकारा मिल जाएगा।
लोकसभा में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा आज पेश किए गए विश्वास प्रस्ताव का समर्थन करते हुए मुखर्जी ने कहा, "सिर्फ परमाणु ऊर्जा ही देश की ऊर्जा की जरूरतों को पूरा सकती है। इस करार के संपन्न हो जाने से वर्ष 2030 तक 1.5 लाख और वर्ष 2050 तक 4.12 लाख मेगावाट बिजली के उत्पादन का लक्ष्य पाया जा सकेगा।"
उन्होंने कहा कि यह करार हमें परमाणु तकनीक संपन्न बना देगा और पिछले 30 वर्षो से भारत जिस परमाणु रंगभेद का सामना कर रहा है, उससे उसे निजात मिल जाएगी।
मुखर्जी ने कहा, "देश में लगातार बढ़ रही ऊर्जा की मांग के मद्देनजर परमाणु ऊर्जा आवश्यक है और देश में परमाणु ऊर्जा का कोई विकल्प मौजूद नहीं है।"
उन्होंने कहा कि बिजली उत्पादन के अन्य स्रोतों मसलन जल विद्युत परियोजनाओं और गैर पारम्परिक ऊर्जा के स्रोतों से हम कितनी भी बिजली पैदा कर लें लेकिन हम परमाणु ऊर्जा से मिलने वाली बिजली के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाएंगे।
मुखर्जी ने कहा, "हमें फ्रांस द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलना चाहिए। 1970 में जब तेल की कमी हुई तो उसने परमाणु ऊर्जा का सहारा लिया। आज वह 79 फीसदी ऊर्जा का उत्पादन परमाणु ऊर्जा के माध्यम से कर रहा है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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