विश्वास प्रस्ताव : हम नए सिरे से बराबरी का करार करेंगे : आडवाणी (लीड-2)
नई दिल्ली, 21 जुलाई (आईएएनएस)। लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) यदि सत्ता में आती है तो वह अमेरिका के साथ नए सिरे से और बराबरी का समझौता करेगी।
नई दिल्ली, 21 जुलाई (आईएएनएस)। लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) यदि सत्ता में आती है तो वह अमेरिका के साथ नए सिरे से और बराबरी का समझौता करेगी।
लोकसभा में सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा पेश किए गए विश्वास प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत करते हुए आडवाणी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार को आंतरिक सुरक्षा, महंगाई समेत अन्य कई मोर्चो पर विफल बताया।
आडवाणी ने कहा, "हम परमाणु ऊर्जा के खिलाफ नहीं है। हम अमेरिका के साथ करीबी संबंधों के भी खिलाफ नहीं हैं। लेकिन हम अमेरिका के साथ उस समझौते का हिस्सा नहीं बनेंगे, जो गैर बराबरी पर आधारित हो।"
उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ परमाणु करार ने भारत को 'आज्ञाकारी सहयोगी' बना देगा। हमारी पार्टी सत्ता में आई तो परमाणु करार पर फिर से बात करेगी। हम इसे बराबर के साझीदारों के बीच समझौते का रूप देंगे, जिसमें रणनीतिक हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।"
आडवाणी ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की हालत गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में भर्ती मरीज की तरह हो गई है। आडवाणी ने कहा कि 22 मई 2004 को गठित यह सरकार आज चार साल और दो महीने बाद सत्ता से बाहर होने की कगार पर है।
प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए आडवाणी ने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मंजूरी के बिना आप एक कदम भी नहीं बढ़ सकते।"
मनमोहन सिंह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "इस तरह का विशेष सत्र बुलाने का दोष कृपया किसी अन्य पर न मढ़े। भारतीय संसद के इतिहास में यह पहला मौका है, जब एक अल्पमत सरकार को बने रहने की अनुमति दी गई है..यदि किसी को दोषी ठहराया जा सकता है, तो वह स्वयं आपकी सरकार है।"
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों चंद्रशेखर, एच.डी. देवगौड़ा और आई. के गुजराल की सरकारों का उदाहरण देते हुए कहा, "हम सरकार को हराना चाहते हैं न कि उसे अस्थिर करना चाहते हैं।"
उन्होंने आतंकवाद के मसले पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए पिछले चार वर्षो के दौरान देश भर में हुए आतंकवादी हमलों की चल रही जांच का हिसाब मांगा।
संप्रग सरकार के चार वर्षो के शासन काल के दौरान अब तक हुई आतंकवादी घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "मुंबई, मालेगांव, हैदराबाद जम्मू-कश्मीर, वाराणसी और जयपुर में सिलसिलेवार बम धमाके हुए लेकिन इन हमलों की जांच का क्या हुआ। क्या इन हमलों में किसी को दोषी पाया गया और किसी पर आरोप साबित हुआ।"
आडवाणी ने अफजल को फांसी पर लटकाने के मामले में हो रही देरी के लिए भी प्रधाानमंत्री को आड़े हाथों लिया।
अपने भाषण के दौरान आडवाणी ने सेतु समुद्रम परियोजना और अमरनाथ श्राइन बोर्ड मामले के लिए भी सरकार पर हमला बोला।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
*