विश्वास प्रस्ताव : विश्वास प्रस्ताव को टाला जा सकता था : मनमोहन
नई दिल्ली, 21 जुलाई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को कहा कि लोकसभा में पेश किए विश्वास प्रस्ताव को टाला जा सकता था, क्योंकि भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते के क्रियान्वयन से पहले इस पर संसद की मुहर लगाने का उन्होंने वादा किया था।
नई दिल्ली, 21 जुलाई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को कहा कि लोकसभा में पेश किए विश्वास प्रस्ताव को टाला जा सकता था, क्योंकि भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते के क्रियान्वयन से पहले इस पर संसद की मुहर लगाने का उन्होंने वादा किया था।
लोकसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "वाम दलों समेत अन्य सभी राजनीतिक दलों को मैने लगातार आश्वासन दिया था कि करार को क्रियान्वित करने से पहले इस पर संसद की मंजूरी ली जाएगी।"
उन्होंने कहा, "मुझे दु:ख है कि लोकसभा में यह विश्वास प्रस्ताव उस वक्त आया है, जब हमारा ध्यान अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की ओर केंद्रित है, खासकर महंगाई पर लगाम कसने और लोकहित की योजनाओं को अमली जामा पहनाने पर।"
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार ने सभी निर्णय आम आदमी के हित में लिए हैं और संसद को विश्वास में लेने के बाद ही हमने कोई नीतिगत निर्णय लिया है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के दो वरिष्ठ नेताओं पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु और पूर्व माकपा महासचिव हरकिशन सिंह सुरजीत की जमकर तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने दोनों को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का मुख्य शिल्पकार बताया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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