बिक्री और विपणन क्षेत्र में तलाशें रोजगार
नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)। बिक्री विश्व का सबसे पुराना व्यवसाय है। बिक्री ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कीमत चुकाकर उत्पाद हासिल किया जाता है। पुराने जमाने में बिक्री के लिए अदला-बदली प्रणाली विद्यमान थी, अर्थात उत्पाद लेने के लिए कोई उत्पाद दिया जाता था। मुद्रा के प्रयोग के साथ लोग उत्पाद की खरीद-फरोख्त करने लगे। आज वस्तु खरीदने और बेचने की सबसे सरल संकल्पना का कायापलट हो गया है और यह मार्केटिंग के तहत विशेष प्रोफेशन बन चुका है।
आम व्यक्ति के लिए हालांकि मार्केटिंग और बेचने का अर्थ एक ही है, लेकिन इन दोनों में संकल्पना का अंतर है। तथापि इस सच्चाई को नकारा नहीं जा सकता कि भारत में बेचने और मार्केटिंग के प्रोफेशन में सबसे ज्यादा लोग कार्यरत हैं। बिक्री सदाबहार प्रोफेशन है। चाहे कुछ भी हो जाए, लोग वस्तुएं तथा सेवाएं तब तक खरीदते रहेंगे जब तक मानव जाति का अस्तित्व रहेगा।
पच्चीस-तीस साल पहले व्यवसाय के रूप में बिक्री को अच्छी नजर से नहीं देखा जाता था। बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रवेश के साथ ही बिक्री प्रोफेशन को भी गरिमा मिलने लगी है। युवा वर्ग इस प्रोफेशन को रोजगार पाने का सर्वाधिक अच्छा तरीका मानता है। प्रतिदिन राष्ट्रीय स्तर के दैनिक समाचार-पत्रों में सैंकड़ों रिक्तियां छपती हैं। यहां तक कि अंडर-ग्रेजुएट भी इस व्यवसाय में आ रहे हैं। प्रबंधन अध्ययन के बाद मार्केटिंग में काफी नौकरियां विद्यमान हैं। इसके अलावा वृद्धि की भी काफी संभावनाएं हैं।
अभिनय की तरह ही बिक्री कला किसी को सिखाई नहीं जाती। अनुभव से ही यह प्रोफेशन सीखा जा सकता है। प्रबंधन प्रक्रिया के भाग रूप में मार्केटिंग का अत्यधिक विशेषज्ञता प्राप्त क्षेत्र के रूप में अध्ययन किया जाता है। वस्तुत: बिक्री मार्केटिंग का एक पहलू है। इसमें विज्ञापन, संवर्धन और अन्य तत्व मार्केटिंग में आते हैं।
बिक्री व्यवसाय की खास बात यह है कि कोई भी व्यक्ति सेल्समैन बन सकता है। इस व्यवसाय में व्यक्ति बहिर्मुखी तथा मस्तमौला होना चाहिए। वह आसानी से मित्र बना सकता हो तथा किसी के भी साथ मिलकर कार्य कर सकता हो। इस प्रोफेशन में व्यक्ति की दो रूपों में तरक्की होती है - एक, वह अच्छा पैसा कमाता है तथा दूसरा, उसके मित्रों और परिचितों का दायरा बढ़ता है। पुराने समय में बीमा एजेंट ऐसा व्यक्ति माना जाता था, जो समाज में हर तबके के लोगों को जानता था।
इस प्रोफेशन में आनेवाला व्यक्ति शीघ्र ही अपनी पहचान बना लेता है। लेकिन साथ ही इस क्षेत्र में अनुशासन की जरूरत होती है। समय की पाबंदी आवश्यक कारक है। व्यक्ति में धर्य, उत्तम संप्रेषण कौशल तथा कारोबार संबंधी कुशाग्रता होनी चाहिए। बिक्री लाइन में ग्राहक का ध्यान रखना पड़ता है तथा बिक्री व्यवसाय में व्यक्ति के पास उत्तम संप्रेषण कौशल होना चाहिए। इसके साथ-साथ सेल्समैन को सलीकेदार वेशभूषा पहननी चाहिए। उसमें शिष्टाचार हो, ताकि उत्पादों की खरीद के समय ग्राहक पर अच्छा प्रभाव पड़ सके।
अब वे दिन लद चुके, जब लोग घर बैठकर वस्तुएं बेचा करते थे, उन्हें हाथ-पैर नहीं हिलाना पड़ता था। आज महिलाएं भी इस प्रोफेशन में आ चुकी हैं। पुरुष-प्रधान इस क्षेत्र में महिलाओं के प्रवेश से यह कार्यक्षेत्र आकर्षक ग्लैमर-युक्त नहीं बना, बल्कि इसमें स्पर्धा अधिक बढ़ गई है।
आज बहुराष्ट्रीय कंपनियां पर्याप्त संख्या में महिलाओं की बिक्री और मार्केटिंग, विशेषत: सेवा उद्योग में, भरती कर रही हैं। आज रिटेलिंग की संकल्पना तेजी से बढ़ रही है, इसलिए अधिकांश कंपनियां शो-रूम में सेल्स गर्ल्स को प्राथमिकता देती हैं। इस प्रकार यह व्यवसाय स्त्री-पुरुषों- दोनों को बराबर अवसर प्रदान करता है और यहां सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति आगे बढ़ता है।
बिक्री और मार्केटिंग क्षेत्र में पैसा भी अधिक मिलता है। यह ऐसा एकमात्र प्रोफेशन है, जहां व्यक्ति अपनी मेहनत के अनुरूप कमा पाता है। जितनी मेहनत उतना फल। अत: यह देखकर आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि पहले ही वर्ष में अनेक बिक्री एजेंट अच्छी-खासी रकम वेतन के रूप में पाते हैं। सेल्समैन की आमदनी में प्रोत्साहन प्रमुख भूमिका निभाता है। इसके अलावा यदि सेल्समैन अधिक सक्षम तथा परिणामोन्मुखी पाया जाता है तो कंपनी में उसका विलय हो जाता है और उसे पर्याप्त विशेष सुविधाएं दी जाती हैं। किसी अन्य व्यवसाय की तुलना में इस व्यवसाय में तरक्की के ज्यादा अवसर मिलते हैं।
व्यवसाय स्कूलों के अलावा अनेक संस्थाएं अंशकालीन तथा पूर्णकालीन डिप्लोमा पाठ्यक्रम बिक्री तथा मार्केटिंग क्षेत्र में चलाती हैं, जहां प्रबंधन पाठ्यक्रम में मार्केटिंग विशेष विषय होता है। व्यवसाय स्कूल में दो वर्ष का पाठ्यक्रम कराया जाता है। विद्यार्थियों को विज्ञापन, संचार, मार्केटिंग तथा समतुल्य क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाता है। भारतीय प्रबंधन संस्थान सर्वोत्तम संगठन है।
(कैरियर संबंधी और अधिक जानकारी के लिए देखिए ग्रंथ अकादमी, नई दिल्ली से प्रकाशित ए. गांगुली और एस. भूषण की पुस्तक "अपना कैरियर स्वयं चुनें"।)
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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