दो बच्चों की मौत पर लोगों के गुस्से के शिकार बने आसाराम बापू
अहमदाबाद, 18 जुलाई (आईएएनएस)। धार्मिक गुरु आसाराम बापू के आश्रम में दो बच्चों की संदिग्ध अवस्था में मौत को लेकर आक्रोशित लोगों ने अहमदाबाद में शुक्रवार को आसाराम के खिलाफ प्रदर्शन किया और शहर में बंद आयोजित किया। आक्रोशित प्रदर्शनकारियों के कोप का शिकार आसाराम बापू को भी होना पड़ा।
अहमदाबाद में आसाराम बापू के आश्रम के समीप एक नदी किनारे दस वर्षीय दीपेश प्रफुल्ल वाघेला और उसके 11 वर्षीय चचेरे भाई अभिषेक शांतिलाल वाघेला का शव बुधवार को बरामद हुआ था। ये दोनों बच्चे छह जुलाई से ही लापता थे। दोनों बच्चे आश्रम स्थित विद्यालय में पढ़ाई कर रहे थे।
बच्चों के परिजनों का आरोप है कि आश्रम में एक तांत्रिक अनुष्ठान के दौरान दोनों बच्चों की हत्या कर दी गई और शवों को नदी में फेंक दिया गया।
शुक्रवार को आसाराम बापू दोनों बच्चों के घर भी गए, लेकिन वे वहां मुश्किल से तीन मिनट ही रूक पाए। दरअसल, भारी संख्या में लोगों ने उन्हें वहां घेर लिया था।
दीपेश के पिता प्रफुल्ल बघेला बेटे की मौत के बाद विगत चार दिनों से मौन व्रत धारण किए हुए हैं। आसाराम बापू ने उनके यहां जिन-जिन वस्तुओं को स्पर्श किया था, उसे उन्होंने विरोध स्वरूप आग के हवाले कर दिया।
दोनों बच्चों की मौत के कारण अहमदाबाद में कांग्रेस और अहमदाबाद बार एसोसिएशन ने बंद का भी आह्वान किया। आसाराम बापू के आश्रम के समीप स्थित साबरमती और निर्णयनगर इलाकों में बंद का असर देखा गया।
गुरु पूर्णिमा के मद्देनजर शुक्रवार को पुलिस ने आश्रम से दो किलोमीटर पहले ही सार्वजनिक वाहनों को प्रवेश करने से रोक दिया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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