क्रास वोटिंग की आशंका ने बढ़ाई कांग्रेस की चिंता
नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)। लोकसभा में आगामी 22 जुलाई को पेश होने वाले विश्वास प्रस्ताव से पहले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) को एकजुट रखने के प्रयासों के बीच क्रास वोटिंग के संकेतों ने कांग्रेस नेतृत्व के माथे पर शिकन ला दी है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी शनिवार को एक-एक कर पार्टी के सभी सांसदों से मुलाकात करेंगी और उनका मत सरकार के ही पाले में जाए , यह सुनिश्चित करेंगी। पार्टी ने अपने सभी सांसदों को शनिवार को दिल्ली में उपस्थित रहने की हिदायत दी है। सोनिया गांधी पार्टी के वरिष्ठ रणनीतिकारों से लगातार संपर्क में बनी हुई हैं।
कांग्रेस के राजनीतिक प्रबंधक हालांकि दावा कर रहे हैं कि उनके पास 275 से 280 सांसदों का समर्थन है लेकिन छोटे-छोटे राजनीतिक दलों की अपनी-अपनी राजनीतिक जरूरतों ने भी कांग्रेस को परेशानी में डाल दिया है।
तीन सांसदों वाले जनता दल-सेक्युलर के नेता व पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा ने समर्थन के एवज में बेल्लारी की लौह अयस्क खानों का राष्ट्रीयकरण करने की मांग की है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के मुखिया केंद्र में कोयला मंत्री बनना चाहते हैं। उन्होंने कई दफा सार्वजनिक मंचों से भी कोयला मंत्री का पद न मिल पाने के अपने दर्द का इजहार किया है।
तीन सांसदों वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने यह घोषणा कर कि उसके सांसद सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे, कांग्रेस को चौंका दिया है। कांग्रेस को उम्मीद थी कि टीआरएस के सांसद उसके पाले में आ जाएंगे। टीआरएस ने मांग की थी सरकार यदि अलग तेलंगाना राज्य के गठन की आधिकारिक घोषणा करती है, तभी उसके सांसद सरकार के समर्थन में मतदान करेंगे।
इसी प्रकार अजित सिंह के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने संप्रग को समर्थन देने की एवज में लखनऊ के अमौसी हवाई अड्डे का नाम बदल कर अपने पिता चौधरी चरण सिंह के नाम पर करने की मांग की थी। सरकार ने भी उनकी इस मांग को सहर्ष स्वीकार कर लिया है। हालांकि इसके बावजूद अजित सिंह ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। रालोद के लोकसभा में तीन सदस्य हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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