अजितसिंह को अपने-अपने पाले में करने की कोशिशें (लीड-1)
नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस)। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को बचाने और गिराने के खेल में राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) प्रमुख चौधरी अजितसिंह की भूमिका बढ़ गई है।
केंद्र सरकार ने आज लखनऊ के अमौसी हवाई अड्डे का नाम पूर्व प्रधानमंत्री व अजित सिंह के पिता स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह के नाम पर रखने के प्रस्ताव को मंजूरी देकर उन्हें अपने पाले में लाने की कोशिश की है, वहीं कम्युनिस्ट नेता ए. बी. बर्धन ने सिंह से मुलाकात कर परमाणु करार पर वाम दलों के रुख से उन्हें अवगत कराया।
रालोद के लोकसभा में तीन सदस्य हैं, जिनकी संप्रग सरकार को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।
लखनऊ के अमौसी हवाई अड्डे का नाम चरण सिंह के नाम पर रखने के प्रस्ताव की मंजूरी तीन साल से लटकी हुई थी, लेकिन गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
उधर, सरकार को गिराने की कोशिशों में जुटे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) महासचिव ए. बी. बर्धन ने अजित सिंह से उनके तुगलक रोड स्थित आवास पर मुलाकात की। उनकी इस मुलाकात को रालोद को सरकार के विरोध में मतदान करने के लिए राजी करने की मुहिम के रूप में देखा जा रहा है।
बर्धन ने कहा, "मैंने अपनी स्थिति के बारे में बताया। उन्होंने अपनी स्थिति बताई। सिंह के लिए कोई फैसला लेना आसान नहीं है।"
इस बारे में रालोद प्रमुख ने केवल इतना कहा कि उन्होंने अनुभवी और पुराने दोस्त बर्धन के विचारों को सुना। वे इस मुद्दे पर अपनी पार्टी के सहयोगियों से बातचीत करेंगे।
यद्यपि, 22 तारीख को लोकसभा में पेश होने वाले विश्वास मत को लेकर अजित सिंह ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन उनका यह जरूर कहना है कि वे भारत-अमेरिका परमाणु करार का समर्थन करते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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