महंगाई दर बढ़कर 11.91 फीसदी हुई (लीड-1)
नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस)। देश में मुद्रास्फीति की दर इस महीने की पांच तारीख को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान 12 फीसदी के करीब पहुंचते हुए 11.91 फीसदी हो गई, जो इससे पहले वाले सप्ताह में 11.89 फीसदी थी।
गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर पिछले 13 वर्षो के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
शुक्रवार के बजाय आज जारी आधिकारिक आंकड़ों के आने से पहले वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि कमोबेश यह महंगाई अभी कुछ और दिनों तक जारी रहेगी।
दस मई को समाप्त हुए सप्ताह के लिए प्राप्त अंतिम आंकड़ों के मुताबिक वार्षिक मुद्रास्फीति की दर 8.57 फीसदी के चिंतनीय स्तर पर पहुंच गई है। इससे पहले अस्थाई आंकड़ों के आधार पर इसे 7.82 फीसदी घोषित किया गया था।
यहां संवाददाताओं से बातचीत में चिदंबरम ने कहा, "कीमतों पर अभी भी दबाव है, लेकिन मौद्रिक कदमों के प्रभाव पड़ने के संकेत मिलने लगे हैं।" उन्होंने कहा कि मुद्रा आपूर्ति की वृद्धि में कमी आ रही है, जिससे शीघ्र ही कीमतों को नियंत्रित किए जाने में सफलता मिलेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक के गवर्नर वाई. वी. रेड्डी के साथ उनकी बात हुई थी। रेड्डी और वे इस पर सहमत थे कि पिछले कुछ महीनों में उठाए गए कदमों का असर महंगाई को नियंत्रित करने में दिखेगा।
उधर, अर्थशास्त्रियों ने भयावह महंगाई के कारण न केवल आम आदमी बल्कि विकास दर पर भी नकारात्मक असर पड़ने की आशंका जाहिर की है।
इंस्टीट्यूट फॉर स्टडी इन इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट के प्रोफेसर अतुल गुहा ने कहा कि आर्थिक विकास दर में कमी आएगी और भारत कभी भी उच्च मुद्रास्फीति व धीमी विकास दर वाली अर्थव्यस्था बन जाएगी।
महंगाई के आंकड़े जारी होने के तुरंत बाद वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मुद्रास्फीति की दर में मामूली बढ़ोतरी हुई है।
बयान में कहा गया है कि मुद्रास्फीति की साप्ताहिक दर स्थिर हो गई है। थोक मूल्य सूचकांक 28 जून को समाप्त सप्ताह के 238.1 से पांच जून को समाप्त सप्ताह के दौरान 238.7 हो गया।
बयान में जरूरी उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों के करीब-करीब स्थिर रहने की बात कही गई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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