बाजार अनुसंधान क्षेत्र में पाएं रोजगार
नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस)। प्रश्न, प्रश्न, प्रश्न - क्या इस शैंपू से वाकई मेरे सिर से रूसी खत्म हो जाएगी? क्या नई वस्तु पहले से इस्तेमाल की जा रही वस्तु से बेहतर है? क्या यह उत्पादक ग्राहक की पहुंच में है? तेंदुलकर ज्यादा लोकप्रिय है या गांगुली? ये प्रश्न ऐसे हर व्यक्ति को प्रभावित करते हैं, जो बाजार में आगे बढ़ना चाहता है।
इन प्रश्नों का उत्तर ढूंढ़ने के लिए और उनके अन्य सवालों के जवाबों का पता लगाने के लिए प्रति वर्ष लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं। यहीं से बाजार शोधकर्ता का कार्य आरंभ होता है। बाजार शोधकर्ता ऐसे अनेक सवालों का जवाब ढूंढ़ने के लिए विभिन्न गुणात्मक तथा परिमाणात्मक उपायों का उपयोग करता है। ग्राहकों के व्यवहार का आकलन करके वह उद्योगों की सहायता करता है, जिससे उद्योग सफलतापूर्वक नए उत्पाद ला सकते हैं, परिणामस्वरूप बाजार में उद्योग एवं उत्पाद बना रहता है।
आम धारणा है कि बाजार अनुसंधान में घर-घर जाकर प्रश्नावलियां भरनी होती हैं। इस प्रक्रिया में ग्राहक बोर हो जाता है और शोधकर्ता को देखते ही घर का दरवाजा बंद कर लिया जाता है, लेकिन वास्तविकता यह नहीं है। निश्चित रूप में यह सब अनुसंधान का हिस्सा मात्र है। सूई की नोक के बराबर है। वैकल्पिक उत्पादों की मांग का पूर्वानुमान लगाने के लिए बाजार अनुसंधान में फर्मे सांख्यिकी तकनीकों का इस्तेमाल करती हैं। ये फ र्मे सर्वेक्षण डाटा संग्रह करके उसका विश्लेषण करती हैं ताकि बाजार में नए या बदलकर तैयार किए गए उत्पादों की संभावनाओं का आकलन किया जा सके।
उच्चतर कोटि की बाजार अनुसंधान की फर्मे अधुनातन अर्थमितीय तकनीकों का इस्तेमाल करती हैं, जिससे स्वयं द्वारा निर्धारित मूल्य, प्रति-मूल्य तथा वैकल्पिक उत्पादों की मांगों के संदर्भ में आय संबंधी लचीलेपन का अनुमान लगाया जा सके। इन वैकल्पिक उत्पादों की मांगों की जनांकिकी संरचना की जांच-पड़ताल के लिए जनगणना डाटा का भी इस्तेमाल किया जाता है।
सार रूप में, बाजार अनुसंधान उद्योग की परिधि में तीन पहलू होते हैं -
विपणन- यह बाजार में उत्पाद खरीदने या बेचने का कार्य या प्रक्रिया है अथवा उत्पादक से ग्राहक तक सामान के अंतरण में शामिल वाणिज्यिक कार्य है।
राय- किसी विशिष्ट पदार्थ या वस्तु के बारे में लिया गया निर्णय, विचार या मूल्यांकन। आमतौर पर बनी राय, छाप से अधिक मजबूत विश्वास, लेकिन यह सकारात्मक ज्ञान कितना मजबूत नहीं होता।
अनुसंधान- विद्वत्तापूर्ण या वैज्ञानिक तरीके से की गई जांच या तहकीकात अथवा पूरी तरह से अध्ययन करना, ताकि प्राप्त जानकारी विस्तारपूर्वक तथा सही ढंग से दी जा सके।
निचले या आधार स्तर पर अनुसंधान के दो प्रकार होते हैं - परिमाणात्मक तथा गुणात्मक। परिमाणात्मक अनुसंधान में प्रतिशत या औसत के मान को सामने रखकर विशिष्ट जनसमूह की राय सांख्यिकीय आकलन करने के लिए अनुसंधान विधि का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रकार के अनुसंधान में प्राय: बड़ा नमूना दिया जाता है और जवाब देनेवालों का बहुत कम समय लिया जाता है। टेलीफोन, मेल, घर-घर जाना, इंटरनेट या वेब सर्वेक्षण तथा संगठन के भीतर (इन हाउस) अध्ययन जैसी विधियां परिमाणात्मक अनुसंधान में इस्तेमाल की जाती हैं - अर्थात इस कार्य में दिमाग पर बहुत जोर पड़ता है।
गुणात्मक बाजार अनुसंधान में बाजार से संबंधित वस्तु के बारे में गहन समझ-बूझ उत्पन्न होती है। इस प्रकार यह विशिष्ट रूप से कम संख्या में लोगों पर फोकस है, जो गहराई में जाकर सवालों का जवाब देते हैं। इसमें चर्चा करने के लिए जांच बिंदुओं की अपेक्षा प्राय: प्रश्नावली का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रकार के अनुसंधान में व्यक्तिश: , ग्रुप या आमने-सामने साक्षात्कार पर फोकस रखते हुए सर्वेक्षण किया जाता है।
हालांकि इंटरनेट जैसे माध्यमों का दिन-प्रतिदिन प्रयोग बढ़ता जा रहा है, फिर भी बुनियादी रूप से सवालों का जवाब पाने के लिए मनोविज्ञान तथा अन्य गुणात्मक पैरामीटर का सहारा लिया जाता है।
पहली सीढ़ी प्रशिक्षार्थी के रूप में कार्य करना है तथा इस अवस्था में काफी ऊब भी उत्पन्न हो जाती है। बाजार अनुसंधान-प्रशिक्षणार्थी को कठोर कार्यक्रम का अनुभव लेना होता है, जहां उसे डाटा संग्रह से लेकर डाटा संकलन तक अनुसंधान के तमाम क्षेत्रों का प्रत्यक्ष अनुभव मिलता है। प्रशिक्षण के लिए आईएमआरबी में आवेदन किया जा सकता है। बाजार अनुसंधान के कार्य में व्यक्ति निम्नलिखित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ता है -
पहला- इस क्षेत्र में अनुसंधान प्रवर्तक या खरीदार विनिर्माता, खुदरा विक्रेता, सेवा प्रदाता, राजनीतिज्ञ तथा अन्य गैरसरकारी एवं सार्वजनिक प्रतिष्ठान होते हैं, जहां जाने-माने विपणन तथा कारोबार संबंधी निर्णय लेने के लिए अपेक्षित जानकारी की जरूरत होती है।
दूसरा- परामर्शदाता अनुसंधान-व्यवसायी होते हैं, जो अपने वर्षो के अनुभव से अनुसंधान समुदाय के भीतर एक या अधिक क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करते हैं।
तीसरा- ऐसी कंपनियां विक्रेता होती हैं, जो सॉफ्टवेयर, उपकरण, सैंपलिंग तथा प्रौद्योगिकी (वीडियो कांफ्रेंसिंग) जैसे मार्केटिंग तथा अभिमत अनुसंधान उद्योग को उत्पाद एवं सेवाएं प्रदान करती हैं।
चौथा- किसी उत्पाद, सेवा या खुदरा सुविधाएं सुनिश्चित करने की दृष्टि से स्थानीय, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय या अन्य क्षेत्रों से किए डाटा संग्रह को व्यवस्थित करके एवं इनकी व्याख्या करके बाजार अनुसंधान विश्लेषक बाजार की स्थितियों पर शोध कार्य करते हैं।
कोई भी व्यक्ति पूर्णकालिक रूप से अनुसंधान कंपनियों में कार्य कर सकता है। ये कंपनियां अनुसंधान के डिजाइन, कार्यान्वयन, डाटा संग्रह, डाटा प्रक्रमण तथा सूचना के विश्लेषण से लेकर प्रयोक्ता को सुझाव देने तक बाजार अनुसंधान के समस्त पहलुओं में विशेषज्ञा प्राप्त होती हैं। डाटा संग्रह कंपनियां प्रयोक्ता, अनुसंधान आपूर्तिकार या परामर्शदाता द्वारा तैयार विधि का इस्तेमाल करने में विशेषज्ञ होती हैं। डाटा संग्रह की विधियों में उपभोक्ताओं तथा व्यवसायियों का साक्षात्कार लेना, फोकस ग्रुप या व्यक्तियों के साक्षात्कार के लिए प्रतिवादियों की भर्ती तथा साक्षात्कार स्थल का चुनाव आदि शामिल हैं।
डाटा प्रक्रमण कंपनियां डाटा संकलित करके इसे विशिष्ट रूप में रखती हैं, जिससे डाटा संग्रह कंपनियों द्वारा एकत्रित सूचना का विश्लेषण किया जा सके। बाजार अनुसंधान फर्म में कार्य करने के अतिरिक्त व्यक्ति खासतौर पर तेजी से बढ़ रही उपभोक्ता माल जैसी मार्केटिंग कंपनियों, विशेष रूप से विभिन्न मुद्दों में विशेषज्ञता प्राप्त ब्रांड योजना की अनुसंधान फर्मो तथा विज्ञापन एजेंसियों में भी कार्य कर सकता है। अपनी परामर्श कंपनी खोलना भी अन्य आकर्षक विकल्प है, लेकिन अनुभव का महत्व यहां भी सर्वोपरि है।
कोई भी व्यक्ति बाजार शोधकर्ता हो सकता है, लेकिन विशेषज्ञता हासिल करना अतिरिक्त योग्यता है। विपणन, अनुसंधान, व्यवसाय प्रशासन, सांख्यिकी/गणित, कंप्यूटर विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, संचार एवं मनोविज्ञान में डिग्री पाठ्यक्रम भी इस क्षेत्र में होता है। चूंकि आईएमआरबी विभिन्न प्रकार का अनुसंधान कार्य करती है, अत: प्रबंधन, मनोविज्ञान, वाणिज्य तथा अर्थशास्त्र जैसी अलग-अलग पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाती है।
परिमाणात्मक अनुसंधान के लिए गणित एवं अर्थशास्त्र में शैक्षिक पृष्ठभूमि तथा स्नातकोत्तर स्तर पर मार्केटिंग का अनुभव होना अनिवार्य है, जबकि गुणात्मक अनुसंधान के लिए मनोविज्ञान या किसी अन्य क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करना उपयोगी हो सकता है। इस उद्योग में बड़ी उपलब्धियां पाने के लिए विश्लेषणात्मक, बिक्री या अंतर्वैयक्तिक अनुभव, योजना संबंधी लेखन कौशल तथा हर ब्यौरे पर ध्यान देना और प्रस्तुतीकरण कौशल अर्जित करना जरूरी है।
प्राय: बाजार शोधकर्ता ऐसी टीम में कार्य करते हैं, जिसमें सांख्यिकीविद् भी शामिल होते हैं। इस टीम में अभिप्रेरणात्मक अनुसंधान विशेषज्ञ होते हैं, जो सर्वेक्षण संबंधी, प्रश्न, पोलस्टर्स, साक्षात्कार की रूपरेखा तैयार करते हैं। इन विशेषज्ञों के साथ सूचना प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञ तथा अन्य संबंद्ध क्षेत्रों के विद्वान इस टीम में कार्य करते हैं। अत: यहां टीम भावना से कार्य करना जरूरी है। परियोजना के स्वरूप पर निर्भर करते हुए व्यक्ति को प्रति सप्ताह पैंतीस से पैंसठ घंटे तक कार्य करना पड़ता है।
इस क्षेत्र में आमदनी भी अच्छी होती है। यह उद्योग निरंतर आगे बढ़ रहा है तथा अनेक वर्षो से इसकी वृद्धि दर अच्छी रही है। किसी विषय में विशेषज्ञता प्राप्त कर आमदनी बढ़ाई जा सकती है, जो समय के साथ-साथ बढ़ती जाएगी, इसलिए स्नातक परीक्षा के तुरंत बाद योजना बना लें। विशेषज्ञता प्राप्त करने से आपकी कद्र बढ़ जाएगी।
मध्यम आकार की एजेंसी में विशेषज्ञों का प्रारंभिक वेतन लगभग डेढ़ लाख प्रतिवर्ष हो सकता है तथा शीर्ष एजेंसियां 2.3 लाख प्रतिवर्ष तक वेतन दे सकती हैं।
जैसे - ओआरजी-मार्ग, आईएमआरबी। यदि आप अंकों की गणना आसानी से कर सकते हैं और आप में संपर्क में आनेवाली हर छोटी-बड़ी वस्तु का विश्लेषण करने की रुचि है तो यह कार्यक्षेत्र आपके लिए सर्वोत्तम है।
(करियर संबंधी और अधिक जानकारी के लिए देखिए ग्रंथ अकादमी, नई दिल्ली से प्रकाशित ए. गांगुली और एस. भूषण की पुस्तक "अपना कैरियर स्वयं चुनें"।)
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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