आठ नए आईआईटी के गठन को मंजूरी
नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज बिहार, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा, गुजरात, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और मध्यप्रदेश के इंदौर में कुल 6,080 करोड़ रुपए की लागत से 6 वर्षों की अवधि के लिए नए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के गठन को स्वीकृति दे दी। इनमें प्रत्येक आईआईटी के लिए 760 करोड़ रुपए निर्धारित किए गए हैं।
मंत्रिमंडल ने इसके साथ ही नए आईआईटी के लिए कानूनी प्रारूप तैयार करने हेतु संस्थाओं के गठन को भी स्वीकृति दे दी है। छह नए आईआईटी में शैक्षिक सत्र 23 जुलाई, 2008 से प्रारम्भ हो रहा है। आंध्र प्रदेश, बिहार और गुजरात आईआईटी प्रौद्योगिकी स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए अपने-अपने 120 छात्रों की कक्षाएं आईआईटी परिसरों के संभावित निर्माण स्थलों के निकट अस्थाई परिसरों में चलाने जा रही है।
आंध्र प्रदेश, बिहार और गुजरात के इन 3 आईआईटी को क्रमश: चेन्नई, गुवाहाटी और मुम्बई की आईआईटी द्वारा परामर्श दिया जा रहा है। राजस्थान, पंजाब और उड़ीसा के 3 आईआईटी अपनी कक्षाओं को अपनी परामर्शदाता आईआईटी क्रमश: कानपुर, दिल्ली और खड़गपुर के परिसरों में चलाएंगे।
मंत्रिमंडल ने प्रत्येक नए आईआईटी की स्थापना के पहले तीन वर्षो में प्रति वर्ष 30 प्राध्यापक वर्ग पदों और विशेष रूप से 26,000 रुपए (निर्धारित) के वेतनमान पर हर नए आईआईटी में एक निदेशक के पद के अलावा 16,400-22,400 रुपए के वेतनमान पर एक पंजीयक के पद को भी स्वीकृति दे दी है। मंत्रिमंडल ने आईआईटी के सभी वर्तमान निदेशकों के निर्धारित वेतनमान को 25,000 से 26,000 तक बढ़ाने का निर्णय भी किया है।
शेष दो आईआईटी, मध्य प्रदेश में इंदौर और हिमाचल प्रदेश आईआईटी द्वारा अपने सत्र अगले शैक्षिक सत्र 2009-2010 से प्रारम्भ करने की संभावना है। सभी राज्य सरकारें नए आईआईटी स्थलों के लिए करीब 600 एकड़ भूमि की पहचान कर चुकी है। आंध्र प्रदेश और बिहार के मामले में, राज्य सरकारों द्वारा अनुशंसित भूमि स्थल को केन्द्र स्वीकृति प्रदान कर चुका है।
मंत्रिमंडल ने सिद्धांत के रूप में प्रौद्योगिकी संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी और उसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में परिवर्तित करते हुए देश के आईआईटी तंत्र में समाहित करने को भी स्वीकृति दे दी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।