करार का सही मूल्य तो भावी पीढ़ी ही समझेगी : सोनिया (लीड-2)
नेल्लोर, 17 जुलाई (आईएएनएस)। वाम दलों द्वारा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार से समर्थन वापस लिए जाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को पहली बार सार्वजनिक मंच से भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते का खुल कर समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जिस परमाणु करार के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी सरकार दांव पर लगा दी है, उसका सही मूल्य तो हमारी भावी पीढ़ी ही समझ पाएगी।
नेल्लोर, 17 जुलाई (आईएएनएस)। वाम दलों द्वारा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार से समर्थन वापस लिए जाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को पहली बार सार्वजनिक मंच से भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते का खुल कर समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जिस परमाणु करार के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी सरकार दांव पर लगा दी है, उसका सही मूल्य तो हमारी भावी पीढ़ी ही समझ पाएगी।
सोनिया ने करार को देश हित में बताया और साफ शब्दों में कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार करार के मसले पर कोई भी समझौता नहीं करेगी।
आंध्रप्रदेश की राजधानी हैदराबाद से 500 किलोमीटर स्थित नेल्लोर शहर में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "परमाणु करार पर हम कोई समझौता नहीं कर सकते क्योंकि यह देश हित में है।"
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि परमाणु करार से देश की स्वतंत्र विदेश नीति पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। करार के साथ-साथ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का भी जोरदार समर्थन करते हुए सोनिया ने कहा, "करार पूरी तरह देश हित में है। प्रधानमंत्री आज जो कर रहे हैं उसका सही मूल्य तो हमारी भावी पीढ़ी ही समझ पाएगी।"
लोकसभा में आगामी 22 जुलाई को विश्वास प्रस्ताव पेश होना है और ठीक उसके पांच दिन पहले वाम दलों को आड़े हाथों लेते हुए सोनिया ने कहा, "बेशक हमें दूसरे दलों की सहायता की दरकार है लेकिन परमाणु करार पर हमें किसी राजनीतिक दल के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है।"
उन्होंने कहा, "यह कांग्रेस ही है जिसने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह कांग्रेस ही है जिसने देश की विदेश नीति को स्वतंत्र रखा। यह कांग्रेस ही है जिसने देश में परमाणु कार्यक्रमों की शुरुआत की। इसलिए हमें अपनी राष्ट्रभक्ति और राष्ट्र हित के संबंध में किसी भी राजनीतिक दल से प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है।"
रैली से पहले उन्होंने राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई 'राजीव आरोग्यश्री' नामक स्वास्थ्य बीमा योजना के दूसरे चरण की शुरुआत भी की।
उल्लेखनीय है कि वाम दलों द्वारा संप्रग सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार अल्पमत में आ गई है। प्रधानमंत्री 22 जुलाई को लोकसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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