वाम मोर्चा का समर्थन वापसी का फैसला राष्ट्र विरोधी: वसंत साठे
नागपुर, 17 जुलाई (आईएएनएस)। पूर्व केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री वसंत साठे ने भारत-अमेरिका परमाणु करार मुद्दे पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार से वाम दलों द्वारा समर्थन वापसी के फैसले को राष्ट्र विरोधी करार दिया है।
नागपुर पत्रकार संघ की ओर से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बुधवार को साठे ने कहा, "भारत में वाम दलों का यह इतिहास रहा है कि वे लोग जल्दबाजी में सही समय पर गलत और राष्ट्र विरोधी फैसले करते हैं और फिर पछताते हैं।"
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1942 में वाम दलों ने ब्रिटिश सरकार का पक्ष लेते हुए 'भारत छोड़ो आंदोलन' का विरोध किया था और नेताजी सुभाषचंद्र बोस को 'फासीवादी कुत्ता' कहा था।
नेताजी के फारवर्ड ब्लॉक से जुड़े वाम नेताओं को साठे ने याद दिलाते हुए कहा, "बाद के दिनों में नेताजी का विरोध करने वालों को अपनी गलती का एहसास हुआ था। इसके बाद उन लोगों ने आजाद हिंद फौज के सिपाहियों का स्वागत किया और उन्हें राष्ट्र नायक बताया था।"
उन्होंने कहा, "वाम दलों द्वारा अपनाया जानेवाला दोहरा मापदंड एक बार फिर उजागर हो गया है, जब चीन और अमेरिका के बीच परमाणु समझौता हो रहा था तो उस समय वे लोग चुप थे।"
इंदिरा गांधी परिवार के वफादारों की सूची में शामिल साठे ने कहा कि निश्चित रूप से यूपीए सरकार 22 जुलाई को संसद में विश्वास मत जीत लेगी, लेकिन इसके बाद नेताओं को तत्काल चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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