इकलौती बेटी के लिए पंजाब विश्वविद्यालय में दाखिला आसान
चंडीगढ़, 17 जुलाई (आईएएनएस)। लड़कियों के प्रति नकारात्मक सोच और लड़कों को तवज्जो देने का चलन खत्म करने के लिए पंजाब विश्वविद्यालय ने एक अनूठा प्रयोग किया है।
चंडीगढ़, 17 जुलाई (आईएएनएस)। लड़कियों के प्रति नकारात्मक सोच और लड़कों को तवज्जो देने का चलन खत्म करने के लिए पंजाब विश्वविद्यालय ने एक अनूठा प्रयोग किया है।
दरअसल, विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने सभी विभागों में एक सीट उन लड़कियों के लिए आरक्षित रखने का फैसला किया है, जो अपने माता-पिता की इकलौती संतान हों। पंजाब में देश के अन्य प्रांतों की तुलना में महिला-पुरुष का अनुपात सबसे खराब है। यहां पर प्रति एक हजार पुरुषों की तुलना में करीब आठ सौ महिलाएं हैं।
विश्वविद्यालय की डीन (छात्रा) निष्ठा जसवाल ने कहा, "पिछले साल पंजाब विश्वविद्यालय प्रशासन ने इकलौती बेटी के लिए सभी पाठ्क्रमों में एक सीट आरक्षित करने का फैसला लिया था। यद्यपि छात्रा को नामांकन के लिए अन्य योग्यताओं को पूरा करना पड़ेगा।"
उन्होंने कहा कि इसकी काफी अच्छी प्रतिक्रिया देखने को मिली है और इस श्रेणी में भी प्रतीक्षा सूची जारी करनी पड़ी है।
विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के एक अधिकारी सुनील ने कहा कि पाठ्यक्रम के एक मात्र आरक्षित सीट के लिए उन्हें 20 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
पंजाब विश्वविद्यालय उत्तर भारत का एक प्राचीन शिक्षण संस्थान है। यहां पर करीब 60 विभाग है जिनमें स्नातक, स्नातकोत्तर और शोध पाठ्यक्रम चलते हैं।
विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में इकलौती बेटी के लिए आरक्षित एक मात्र सीट के लिए काफी आवेदन प्राप्त हुए हैं जबकि समाजशास्त्र और सामाजिक विज्ञान विभाग की सीटों के लिए भी उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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